ज़ीका वायरस का प्रभाव किस पर ज़्यादा होगा।ज़ीका नाम क्यों कहते हैं।क्या ज़ीका महामारी का रूप लेगा

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कोरोना के बाद अब ज़ीका वायरस का संक्रमण भी भारत में तेज़ी से फैल रहा है, जहां पिछले साल तक यह भारत के दक्षिणी राज्यों में ही सिमटा हुआ था।

लेकिन अब यह भारत के मध्य राज्यों और उत्तरी राज्यों में भी धीरे-धीरे पांव पसार रहा है।

उत्तर प्रदेश में ज़ीका वायरस के इंफेक्शन का केस सबसे पहले अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में देखा गया जोकि कानपुर शहर से आया।

यहां पर एक एयर फोर्स अधिकारी में सबसे पहले  ज़ीका वायरस का इंफेक्शन मिला और इसके साथ ही इसकी संख्या बढ़ती जा रही है।

structure of Zika virus

हालांकि ज़ीका वायरस बहुत अधिक घातक नहीं होता है। और लगभग 2 हफ्ते के अंदर इसका इन्फेक्शन ख़त्म हो जाता है, इसलिए इसे सेल्फ लिमिटिंग वायरस (Self Limiting Virus) भी कहते हैं।

आज के इस पोस्ट की शुरुआत ज़ीका वायरस से संबंधित कुछ ज़रूरी सवालों के साथ करेंगे।

अगर आपका कोई सवाल इससे संबंधित है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं हम उसे पोस्ट में जोड़ने का प्रयास करेगें।

किस श्रेणी में आता है ज़ीका वायरस है? In which category Zika virus belong?

ज़ीका वायरस सिंगल स्ट्रैंडेड आरएनए वायरस है और फ्लेवीवायरस जीनस (FlavivirusGenus) से संबंधित है,अतः इसका इनफेक्शियस भाग आरएनए (single stranded RNA) है और यही इसका जेनेटिक मैटेरियल भी है।

ज़्यादातर लोगों में इसका इंफेक्शन हल्का और बिना लक्षणों के समाप्त हो जाता है इसलिए इसे सेल्फ लिमिटिंग वायरस भी कहते हैं।

कैसे नाम पड़ा ज़ीका? Why it is called Zika virus?

इसे सबसे पहले सन् 1947 में दक्षिणी अफ्रीकी देश युगांडा में ज़ीका के जंगलों (first time observed in Zika forest in Uganda of South African country) में रीसस मकाक प्रजाति के बंदरों में देखा गया था। इसी जंगल के नाम पर इसका नाम ज़ीका पड़ा।

इसके बाद सन् 1952 में पहली बार नाइज़ीरिया में ज़ीका का संक्रमण मनुष्य में पाया गया।

फिर धीरे-धीरे दक्षिण अफ्रीकी देशों के अलावा दूसरे देशों जैसे कि भारत,फिलीपींस,मलेशिया और वियतनाम आदि देशों में भी इसका संक्रमण फैलता चला गया।

ज़ीका वायरस के कितने स्ट्रेन या वैरीअंट हैं? What are the different variants or strain of Zika virus?

वैज्ञानिकों ने ज़ीका वायरस के आरएनए में हुए उत्परिवर्तन के आधार पर इसे दो भागों में बांटा है।

पहला अफ्रीकन वेरिएंट ज़ीका वायरस और दूसरा एशियन वेरिएंट ज़ीका वायरस।

सन 2016 में ज़ीका वायरस के अफ्रीकन स्ट्रेन में भी उत्परिवर्तन हुआ है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए ज़्यादा ख़तरनाक है, लेकिन सबसे ज़्यादा दिक्कत गर्भ में पल रहे शिशु पर होती है।

ज़ीका वायरस गर्भ में पल रहे शिशु के लिए ज़्यादा खतरनाक है, अगर किसी गर्भवती महिला को ज़ीका वायरस का इंफेक्शन हो जाता है और वह गर्भ में पल रहे बच्चे या बच्ची को भी इनफेक्टेड करता है, तो यह ज़्यादा घातक साबित होता है।

ज़ीका वायरस के इंफेक्शन से गर्भ में पल रहे शिशु के अंदर माइक्रोसिफैली (Microcephaly) जिसमें सर बहुत ज़्यादा छोटा और ऐबनॉर्मल हो जाता है, महिलाओं में गर्भपात की समस्या और यहां तक की शिशु की मौत गर्भ में ही हो सकती है।

इसके अलावा शिशु के जन्म के बाद दूसरी बीमारियों का एक ख़तरा भी होता भी, जैसे कि दिमागी बुखार या ब्रेन इंसेफेलाइटिस, मेनिनजाइटिस आदि बीमारियां।

कौन से मच्छर के काटने से ज़ीका वायरस फैलता है? Which mosquito is vector of Zika virus?

ज़ीका वायरस का इन्फेक्शन एडीज़ इजिप्टी (Aedes aegypti) और एडीज़ एल्बोपिक्टस के काटने से होता है। एडीज़ मच्छर ज़ीका वायरस के अलावा डेंगू, चिकनगुनिया, और पीत ज्वर को भी फैलाता है।

common features of Zika virus

इस मच्छर के शरीर पर धारियां पाई जाती हैं इसलिए इसे टाइगर मच्छर के नाम से भी जाना जाता है।

ज़ीका वायरस किसे अधिक प्रभावित करता है?Who is more Vulnerable?

जैसा कि हमने पहले भी पड़ा है यह गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशुओं को ज़्यादा नुकसान पहुंचाता है।

ज़ीका का संक्रमण कैसे फैलता है?How Zika virus  transmitted?

हालांकि या वायरस एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है।

लेकिन इसके अलावा यह दूसरी तरह से भी फैल सकता है जैसे कि- 

संक्रमित साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर

ज़ीका वायरस गर्भवती महिला से उसके गर्भ में शिशु को इन्फेक्ट करता है

ज़ीका वायरस से संक्रमित रोगी का ख़ून चढ़ाने से

ज़ीका वायरस इंफेक्शन के प्रमुख लक्षण कौन से हैं? Common symptom of Zika virus infection-

यह बहुत ही ज़्यादा रोचक है कि लगभग 60 से 80% ज़ीका वायरस से संक्रमित रोगियों में इसके लक्षण आसानी से नहीं दिखाई देते हैं, जिससे इसके फैलने का ख़तरा और अधिक हो जाता है

common symptoms of Zika infection

वहीं लगभग 20 से 40% लोगों में इसके निम्नलिखित लक्षण देखे गए हैं। 

प्रमुख लक्षण- 

बहुत तेज़ बुखार का आना 

सबसे पहले लाल दाने पेट पर उभरते हैं फिर सीने पर और आगे चलकर बांह,जांघ,हाथ और पैरों के तलवे तक लाल दाने निकलने लगते हैं।

जोड़ों में तेज दर्द का होना

पेट में मरोड़ या ऐंठन का होना 

मसल्स या मांसपेशियों में दर्द होना

शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना 

आंखें लाल होना और उनमें जलन का होना

प्लेटलेट्स (low Platelets count) की मात्रा का कम हो जाना

हालांकि इसका इन्फेक्शन लगभग 14 दिनों के अंदर अपने आप कम हो जाता है ,इसी कारण ज़ीका वायरस को सेल्फ लिमिटिंग वायरस भी कहा जाता है।

ज़ीका वायरस के इंफेक्शन के लिए टेस्ट How to Diagnose Zika viral Infection?

ज़ीका वायरस की पहचान करने के लिए कुछ टेस्ट होते हैं। जैसे यदि कोई व्यक्ति ज़ीका इनफेक्शियस इलाके से आया है और उसमें 7 से 14 दिनों के बीच बहुत तेज़ बुखार आ रहा है।

इसके अलावा दूसरे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो कुछ निम्न टेस्ट करके,इस कंफर्म किया जाता है। जैसे-

आरटी-पीसीआर टेस्ट (RT-PCR TEST)

पेशाब की जांच (URINE TEST)

खून की जांच (BLOOD TEST)

मस्तिष्क द्रव्य या सेरेब्रल फ्लूड की जांच (CEREBRAL FLUID TEST)

गर्भ द्रव्य या एम्नियाटिक फ्लूड AMNIOTIC FLUID TESTकी जांच गर्भवती महिलाओं के लिए

कैसे बचें ज़ीका वायरस के इंफेक्शन से? How to prevent from Zika virus infection?

क्योंकि यह इंफेक्शन सबसे ज़्यादा मच्छर के काटने से फैलता है, तो जितना हो सके मच्छरों के काटने से बचें और वह सभी उपाय अपनाने चाहिए जो हम मलेरिया के मच्छर से बचने के लिए करते हैं।

इसके अलावा संक्रमित साथी से संबंध बनाने से बचें संक्रमित खून देने और लेने से बचें गैंबुसिया मछली तालाब या दूसरे जलाशयों में डालें जो इनके जो इन मच्छरों के लारवा को खाती है

अंत में(Conclusion)-

ज़ीका वायरस का इन्फेक्शन बहुत ज़्यादा खतरनाक तो नहीं होता लेकिन अगर यह एक बार फैल गया तो इसे रोकने में काफी दिक्कतें आ सकती हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में इसका इन्फेक्शन गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बहुत ज्यादा घातक साबित होता है।

इसलिए जितना हो सके मच्छरों के काटने से बचे, ताकि इंफेक्शन की चेन ना बन पाए।

आपको यह पोस्ट कैसा लगा अपने सुझाव या राय ज़रूर लिखें 

आप की ऑनलाइन यात्रा मंगलमय हो!!

धन्यवाद।। Thanks..

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