मल्टीपल एलील हिन्दी में।बहुएलील हिन्दी में।मल्टीपल एलिलिज्म in Hindi

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इस ब्लॉग को शुरू करने से पहले हमेशा की तरह पहले कुछ प्रश्नों को देख लेते हैं, ताकि इस ब्लॉग को प्रश्नों के सहारे समझने में आसानी हो,इसके अलावा और भी प्रश्न है जिसे हम ब्लॉग में आगे देखेगे।

मल्टीपल एलिल्स क्या होते हैं?

मल्टीप्ल एलिल्स की उत्पत्ति कैसे हुई?

चलिए इस पोस्ट को अपने सबसे पहले सवाल के साथ शुरू करते हैं

मल्टीपल एलिल्स या बहुएलील क्या होते हैं What are the Multiple Alleles?

जब तीन या तीन से अधिक एलील (three or more than three alleles) एक ही लक्षण को निर्धारित करते हैं, तो ऐसे एलील मल्टीपल एलील (multiple allele) कहते हैं, और इस घटना को मल्टीपल एलिलिज्म (multiple allelism) कहते हैं।

मल्टीप्ल एलिल्स में किसी एक ही जीन के दो से अधिक एलील मौजूद होते हैं।

कैसे मल्टीपल एलील की उत्पत्ति हुई? (how Multiple Alleles formed)?

मल्टीपल एलील किसी एक ही जीन में, लगातार होने वाले उत्परिवर्तन के कारण बने हैं।

मल्टीप्ल एलिल्स के उदाहरण (Some examples of Multiple Allels)-

अगर हम देखें तो इसके, कुछ उदाहरण सामान्य रूप से प्रकृति में पाए जाते हैं।

जैसे कि-

1-ड्रोसोफिला जिसको फ्रूट फ्लाई (Drosophila melanogaster or Fruit fly) के नाम से भी जाना जाता है, इसकी आंखों का रंग में (eye color) विभिन्नताएं मल्टीपल एलील का उदाहरण है।

इसके आंखों के रंग के जीन में उत्परिवर्तन (Mutation) के बाद लगभग 15 तरह के एलील बन गए।

2-इसी प्रकार से खरगोश की (coat color of Rabbit) ऊपरी त्वचा का रंग (फरों या रोएं का रंग-Fur or Coat color) अलग-अलग मल्टीपल एलील के द्वारा नियंत्रित होता है।

3-इसी प्रकार से मनुष्य में रक्त समूह (एबीओ-ABO blood groups) का निर्धारण भी मल्टीपल एलील के द्वारा होता है।

हालांकि मल्टीपल एलील में किसी एक ही जीन के बहुत सारे एलील होने के बावजूद किसी जनसंख्या के किसी भी व्यक्ति में उस जीन के केवल दो ही एलील पाए जाते हैं। 

चलिए अब मल्टीपल एलील को उदाहरण के साथ समझते लेते हैं।

मानव एबीओ रक़्त समूह ABO- Blood Groups of Human Being-

इंसानो के रक़्त को चार समूहों ने विभाजित किया गया है, यह विभाजन सबसे पहले वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) ने एक विशेष प्रकार के प्रोटीन जिसे कहते हैं प्रतिरक्षी या एंटीजन (Antigen) कहते हैं इसकी उपस्तिथि और अनुपस्थति के आधार पर किया था। 

Image by Arek Socha from Pixabay

क्या होते हैं एंटीजन? What is the Antigen?

प्रतिरक्षी या एंटीजन रासायनिक रूप से ग्लाइकोप्रोटीन (Chemically they are Glycoproteins) होते हैं, और लाल रक्त कोशिकाओं की सतह (membrane of RBC) पर पाए जाते हैं।

एंटीजन भी दो प्रकार के होते हैं एंटीजन-ए और एंटीजन-बी (Antigen-A & Antigen-B)

एंटीजन को बनाने वाले जीन और एलील कौन से हैं? What are the Antigen Coding Gene & their Alleles?

एंटीजन को बनाने वाले जीन को I के नाम से जाना जाता है इसके तीन एलील होते हैं, जो एंटीजन को कोड करते हैं, यह एलील हैं IA, IB, & i.

IA एलील एंटीजन-ए को कोड करता है वही एलील IB एंटीजन-बी को कोड करता है, जबकि i एलील किसी एंटीजन को कोड नहीं करता।

हालांकि यह बात पूरी तरह से सही नहीं है कि ‘i’ एलील किसी भी एंटीजन को नहीं बनाता है, बल्कि यह शुरुआती एंटीजन (antigenic precursor) को बनाता है।

लेकिन केवल एक विशेष प्रकार की शर्करा को नहीं जोड़ता है, शर्करा (sugar) के आधार पर ही एंटीजन को दो प्रकार में बांटा जाता है।

एंटीजन को बनाने वाले जीन किस क्रोमोसोम पर उपस्थित होते हैं? Which chromosome bears Gene for Blood group?

रक़्त समूह और उनसे संबंधित एंटीजन को बनाने वाले जीन, क्रोमोसोम संख्या 9 (chromosomes number 11) पर उपस्थित होते हैं।

इस जीन के तीन एलील होते हैं जिन्हें ऊपर पहले ही बताया जा चुका है। रक़्त समूह का निर्धारण मेंडल के नियम अनुसार (Inherited according to Mendel’s) ही होता है।

कौन से एलील प्रभावी हैं, कौन से अप्रभावी हैं और कौन से सहप्रभाविता दिखाते हैं? Which of Alleles are dominant, co-dominant & recessive?

यहां IA और IB, एलील  i पर प्रभावी (Dominant) होते हैं, जबकि i अप्रभावी (Recessive) होता हैं।

IA और IB दोनों एक दूसरे के सहप्रभावी (Co-dominant) होते हैं।

यदि दोनों IA और IB एलील उपस्थित हैं, तो रक़्त समूह एबी (Blood Group-AB) होगा।

वही केवल यदि IAIA एलील या IAi एलील हैं तो रक़्त समूह-ए होगा।

अगर केवल IBIB एलील या IBi एलील उपस्थित हैं तब रक़्त समूह-बी होगा।

और अगर इनमें से कोई भी नहीं है और केवल तो ii एलील हैं तब रक़्त समूह-ओ होगा।

रक़्त समूह के कितने जीनोटाइप और फिनोटाइप होंगे? How many Genotypes and Phenotypes for Blood Group?

इस प्रकार से हम देखते हैं एक ही लक्षण के लिए जो कि, रक़्त समूह है छह विभिन्न प्रकार (six different types of allelic combinations) के एलील होते हैं। इसलिए रक़्त समूह को मल्टीपल एलील का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है।

इसलिए कुल 4 प्रकार (four types of phenotypic traits-A,B,AB and O blood groups) के रक्त समूह के लिए छह प्रकार का एलील जीनोटाइप होगा, जो चार प्रकार के फिनोटाइप को बनाएगा।

किसी भी व्यक्ति के अंदर रक्त समूह को निर्धारित करने के लिए दो एलील होंगे। जोकि उसे माता-पिता से मिलेंगे इनमें से एक एलील माता से और दूसरा एलील पिता से मिलेगा।

रक़्त समूह की अनुवांशिकी किस तरह से होती है? How Blood Group Inherited?

रक़्त समूह का निर्धारण माता पिता से आने वाले एलील पर निर्भर करता है, क्योंकि जो माता पिता का रक़्त समूह होगा, उसी हिसाब से एलील भी संतानो में पहुंचेगे।

उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं पिता का रक़्त समूह ए है, और माता का रक़्त समूह बी है, चुकीं माता का रक़्त समूह बी है तो इस हिसाब से उसमे दो तरह के IBIB या IBi एलील संयोजन हो सकते हैं।

इसी प्रकार से पिता का रक़्त समूह ए है, तो यहाँ पर भी दो तरह के एलील IAIAया IAi संयोजन हो सकते हैं।

अब निर्भर इस बात पर करता है की कौन एलील संतान में पहुँचता है,और किस तरह एलील का संयोजन बनता है।

अंत में (Conclusion)-

हमने आज यह समझने का प्रयास किया रक़्त समूह का निर्धारण किस तरह से प्रतिरक्षी या एंटीजन के

आधार पर किया जाता है।

और इनको बनाने वाले जीन और उनके एलील कौन से हैं, और किस क्रोमोसोम पर पाए जाते है।

इसके साथ ही हमने यह भी देखा कि माता पिता से किस तरह से रक़्त समूह के एलील उनकी सन्तानो में जाते है,और रक़्त समूह का निर्धारण करते हैं।

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