types of transport in organisms

जीवों में परिवहन या ट्रांसपोर्ट।Transport in Organism in Hindi

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जीवों में परिवहन या ट्रांसपोर्ट क्या होता है?

Transport in Organisms

यहां पर हम लोग उस परिवहन की बात नहीं कर रहे हैं, जिसमें हम लोग किसी एक स्थान से दूसरे स्थान तक चलकर या दूसरे ट्रांसपोर्ट के साधनों द्वारा जाते हैं।

बल्कि हम लोग आज उस परिवहन (transport) के बारे में चर्चा करेंगे, जिसके द्वारा हमारे शरीर और दूसरे सभी जीवों के शरीर के अंदर रासायनिक पदार्थों का आवागमन (movement of chemical substances) होता है।

मतलब रासायनिक पदार्थों शरीर के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं, और बाहरी वातावरण (external environment) से शरीर के अंदर और इसी तरह से शरीर से बाहरी वातावरण में जाते हैं।

लेकिन पहले कुछ सवालों को देख लेते हैं, और फिर इन सारे टॉपिक्स को कवर करेगें ।

यह आवागमन क्यों ज़रूरी है? Why these Movement of molecules is important?

यह कितने तरह का होता है? How many types of transport?

कौन-कौन सी प्रक्रिया आवागमन में होती हैं? What are the modes of Transport?

किस तरह के पदार्थों का आवागमन होता है? Which Types of transported in Organisms?

सभी जीवों को ज़िंदा रहने के लिए और शरीर की सभी प्रक्रियाओं को सही तरह से चलाने के लिए शरीर में लगातार रासायनिक पदार्थों की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है।

transport in plants

इन रासायनिक पदार्थों की एक निश्चित मात्रा शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं में हमेशा बनी रहती है। जिससे कि शारीरिक क्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

अगर इन रासायनिक पदार्थों की मात्रा में थोड़ा सा भी बदलाव होता है, तो शरीर की रासायनिक प्रक्रियाएं भी प्रभावित हो जाती हैं।

जैसे कि अगर हम शरीर के अंदर शर्करा (sugar or glucose) की मात्रा की ही बात करें, रक़्त और शरीर की सेल (level of glucose in blood & cell) में इसकी एक सही मात्रा का होना ज़रूरी है, अगर शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, तो मधुमेह (Diabetes) जैसा रोग हो सकता है।

इसके अलावा उपापचयी या मेटाबोलिक प्रक्रियाओं में जो भी बेकार के पदार्थ बनते हैं। उन्हें शरीर से बाहर भी निकालना होता है। क्योंकि यदि हानिकारक पदार्थ शरीर के भीतर रह जाते हैं, तो यह भी मेटाबोलिक क्रियाओं पर अपना प्रभाव डालेंगे

 जैसे- अगर प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म के बाद यूरिया बनता है, हमारा शरीर एक निश्चित मात्रा तक यूरिया को सहन कर सकता है लेकिन अगर या मात्रा उससे अधिक हो जाए तो यह शरीर के लिए नुकसान दे होगी इसीलिए हमारी किडनी इसे लगातार यूरिन के रूप में बाहर निकालती रहती है।

वही उपापचय की प्रक्रियाओं में विभिन्न प्रकार के बेकार के पदार्थ जोकि गैसीय अथवा तरल अवस्था में निकलते हैं।

उन्हें भी शरीर से निकालना होता है, जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड, सभी जीवो में कार्बोहाइड्रेट के मेटाबॉलिज्म के बाद बनती है।

जिसे श्वसन की प्रक्रिया या गैसीय विनिमय (release in respiration or gaseous exchange) की प्रक्रिया द्वारा शरीर से बाहर निकाला जाता है।

इसी प्रकार से प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म के बाद जो भी नाइट्रोजनीय पदार्थ निकलते हैं। उन्हें भी शरीर से बाहर निकाला जाता है।

अगर यह बेकार के पदार्थ शरीर में रह जाएंगे तो, पूरी की पूरी उपापचय की प्रक्रियाएं ध्वस्त हो जाएंगी, और किसी भी जीव का ज़िंदा रहना मुश्किल हो जाएगा।

जो भी लाभदायक पदार्थ हैं, वे अधिकतर सभी जीवो में लगभग एक समान होते हैं। 

इन कार्बनिक रसायनिक पदार्थों को बायो मॉलिक्यूल या जैविक अणुओं (Biomolecules) के नाम से जाना जाता है।

जैसे कि कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, अमीनो अम्ल, लिपिड या वसा, न्यूक्लिक अम्ल, विटामिन और खनिज लवण (minerals salt not in the biomolecules) इत्यादि।

बायो मॉलिक्यूल क्यों ज़रूरी है?

Why Biomolecules are Essential?

हमारे शरीर में जो भी बायो मॉलिक्यूल हैं, उनका अपना अलग अलग रोल होता है।

जैसे कि- अगर कार्बोहाइड्रेट- की बात करें, तो यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

प्रोटीन- शरीर की सभी तरह की फिजियोलॉजिकल एक्टिविटी को नियंत्रित करता है।

अमीनो अम्ल- प्रोटीन का निर्माण करते हैं।

फैट या वसा- कोशिका झिल्ली के बनने में और इंसुलेटर की तरह से कार्य करते हैं। इसके अलावा इनके मेटाबॉलिज्म से ऊर्जा मिलती है।

वही न्यूक्लिक एसिड- अनुवांशिक पदार्थ हैं।

एंजाइम्स- सभी मेटाबॉलिक एक्टिविटी में बायोकैटालिस्ट की तरह से भाग लेते हैं।

सारे ही जीवो में मिनरल्स और दूसरे पदार्थों को शरीर के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए विभिन्न प्रकार के ट्रांसपोर्ट या परिसंचरण तंत्र होते हैं।

जैसे कि- मनुष्य में और दूसरे स्तनधारियों में रक़्त परिसंचरण तंत्र (blood circulatory system) पाया जाता है।

उसी प्रकार से पौधों में रक़्त परिसंचरण तंत्र तो नहीं होता, लेकिन इसके स्थान पर संवहन तंत्र होता है।

जो दो तरह के संवहन उत्तकों (vascular tissues) से मिलकर बना होता है। 

इन्हें हम ज़ाइलम और फ्लोएम (xylem & phloem) कहते हैं, किंतु ऐसे जीव जिनमें इस प्रकार के तंत्र नहीं पाए जाते (जैसे एक कोशिकीय जीव और बहुत ही छोटे और सामान्य जीव) वह किस प्रकार से लाभदायक और जरूरी रासायनिक पदार्थों का अपने शरीर में आवागमन करते हैं।

पदार्थों का ट्रांसपोर्ट जीवो में कितने प्रकार से होता है?

Types of transport in Organisms-

सभी जीवो में दो प्रकार का संवहन या ट्रांसपोर्ट सिस्टम पाया जाता है। 

पहला छोटी दूरी या शॉर्ट डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट 

दूसरा लंबी दूरी का या लांग डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट।

पौधों में लांग डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट को ट्रांसलोकेशन के नाम से जाना जाता है

क्या होता है शॉर्ट डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट?

what is the short distance transport?

जब रासायनिक पदार्थों का आवागमन एक कोशिका से पास की दूसरी पड़ोसी कोशिका या बाहरी वातावरण से कोशिका के अंदर होता है, इसे शॉर्ट डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट कहते हैं।

इस प्रक्रिया में लोकल ट्रांसपोर्ट मैकेनिज्म चलता है।

क्या होता है लांग डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट?

what is long distance transport?

जब रासायनिक पदार्थों का आवागमन शरीर के अंदर एक भाग से दूसरे भाग की कोशिकाओं अथवा ऊतकों के बीच होता है तो इसे लांग डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट कहते हैं।

इस प्रकार के ट्रांसपोर्ट के लिए विशेष प्रकार के तंत्र होते हैं, जैसे कि मनुष्य में रक़्त परिसंचरण तंत्र (blood circulatory system) और पौधों में यह संवहन तंत्र (vascular or conducting system) है, जोकि ज़ाइलम और फ्लोएम टिशु (xylem and phloem tissues) से बना होता है।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि, एक कोशिकीय जीवो (in unicellular Organisms) में लांग डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट की आवश्यकता नहीं होती।

क्योंकि उनका शरीर कुछ ही कोशिकाओं या केवल एक ही कोशिका से मिलकर बना होता है।

इसलिए यहां पर केवल छोटी दूरी का या शॉर्ट डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट ही होता है।

यहां कोशिका का संपर्क रासायनिक पदार्थों के आवागमन के लिए सीधे-सीधे बाहरी वातावरण से होता है। इसलिए यहां पर लांग डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट की ज़रूरत नहीं होती है।

जैसे कि अगर हम अमीबा या एक कोशिकीय शैवालों (Amoeba or Algae) में देखें तो ये सभी अपनी ज़रूरत के लिए जो भी रासायनिक पदार्थों की आवश्यकता होती है।

उसे अपने बाहरी वातावरण (surrounding environment) से कुछ विशेष प्रक्रिया द्वारा ग्रहण कर लेते है, और इसी प्रकार से शरीर में उपापचय प्रक्रियाओं (metabolic reactions) द्वारा जो भी बेकार के पदार्थ निकलते हैं, उन्हें इन्हीं विशेष प्रक्रियाओं के द्वारा बाहरी वातावरण में निकाल देती है।

लोकल ट्रांसपोर्ट सिस्टम कौन-कौन से हैं?(what are the local transport)?

सभी जीवो में लोकल ट्रांसपोर्ट सिस्टम पदार्थों के आवागमन के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इनको हम लोग निम्न में कैटेगरी में विभाजित करते हैं।

सिंपल डिफ्यूजन (Simple Diffusion)

ऑस्मोसिस (Osmosis)

फैसिलिटेटेड ट्रांसपोर्ट (Facilitated Diffusion)

और एक्टिव ट्रांसपोर्ट (Active Transport)

साइटोप्लास्मिक सस्ट्रीमिंग (Cytoplasmic streaming)

लांग डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट के लिए सिस्टम (Components of long distance transport)-

लांग डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट के लिए विशेष प्रकार के उत्तक पाए जाते हैं।

जैसा कि हमने ऊपर भी लिखा है पौधों में जाइलम और फ्लोएम उत्तक होते हैं।

जो मिलकर पौधों में संवहन तंत्र बनाते हैं, और इसी प्रकार से मनुष्य और दूसरे उच्च श्रेणी के जंतुओं में रक्त परिसंचरण तंत्र पाया जाता है।

जो सभी प्रकार की पदार्थों को शरीर के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान या पूरे शरीर में हर जगह पहुंचाने का कार्य करता है।

अंत में(Conclusion)-

इस प्रकार से हम देखते हैं कि सभी जीवों में रासायनिक पदार्थों के ट्रांसपोर्ट के लिए विभिन्न प्रकार के तंत्र पाए जाते हैं जैसे कि जंतुओं और मनुष्य में रक्त परिसंचरण तंत्र, वही पौधों में संवहन उत्तक और एक कोशिकीय जीवों में केवल उनकी कोशिका की प्लाज़्मा मेंब्रेन ही आवागमन में मदद करती है।

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धन्यवाद।। Thanks!!

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