types of excretory organs

Excretion in Animals in Hindi:जंतुओं में उत्सर्जन

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उत्सर्जन तंत्र- Excretory System

शरीर का वह तंत्र जो शरीर के से हानिकारक नाइट्रोजनीय पदार्थों का निष्कासन (elimination of harmful nitrogenous waste) करता है। उत्सर्जन तंत्र कहलाता है।

सभी जंतुओं में नाइट्रोजनीय पदार्थों (nitrogenous waste substances) को निकालने के लिए  विशेष प्रकार के की संरचनाएं होती हैं।

जैसे मनुष्य और दूसरे उच्च श्रेणी के जंतुओं में 1 जोड़ी किडनी उपस्थित होती है।

किडनी मुख्य उत्सर्जी अंग है, और यह रक़्त से हानिकारक नाइट्रोजनीय पदार्थ को फिल्टर करती है। इसके साथ ही ऑस्मोरेगुलेशन (Osmoregulation) भी करती है मतलब शरीर के अंदर तरल और लवणों की मात्रा (maintain internal fluid & salt) बनाए रखती है।

आज का हमारा पोस्ट उत्सर्जन तंत्र, उत्सर्जी पदार्थों के प्रकार और अलग-अलग उत्सर्जी संरचनाओं आदि, को कवर करेगा ।

इसके अलावा हम यह भी देखेंगे कि उच्च श्रेणी के जंतुओं और मनुष्यों (higher class of animals & Humans) के अलावा दूसरे जंतुओं में किस प्रकार की उत्सर्जी संरचना पाई जाती है, जो उत्सर्जी अंगों (excretory organ) का कार्य करती है।

उत्सर्जि तंत्र की परिभाषा-Definition of Excretory System

शरीर का वह अंग तंत्र जो शरीर में मेटाबोलिक प्रक्रियाओं द्वारा बने हुए नाइट्रोजनीय पदार्थों को रक्त से अलग करता है, और इसके साथ ही शरीर में ऑस्मोरेगुलेशन बनाए रखता है, उत्सर्जि तंत्र कहलाता है।

how urea form
formation of urea in human body

उत्सर्जन की परिभाषा-Definition of Excretion

वह प्रक्रिया जिसके द्वारा शरीर से हानिकारक पदार्थों का, खास करके नाइट्रोजनीय पदार्थों (mainly elimination of nitrogenous waste) को बाहर निकाला जाता है वह उत्सर्जन कहलाता है।

उत्सर्जी पदार्थ-Excretory Wastes?

उत्सर्जी पदार्थ नाइट्रोजन मेटाबॉलिज्म (metabolism of nitrogenous compound) के द्वारा बनते हैं, हमारे शरीर में जो बायोमोलीक्यूलिस उपस्थित होते हैं, उनमें से कुछ में नाइट्रोजन भी पाया जाता है। जैसे कि-अमीनो अम्ल प्रोटीन न्यूक्लिक एसिड और एंजाइम

प्रोटीन के लीवर में मेटाबॉलिज्म के बाद यूरिया का निर्माण होता है जिसको रक्त द्वारा से किडनी फिल्टर करती है।

उत्सर्जी पदार्थों के प्रकार –Types of Excretory waste

उत्सर्जी पदार्थ अलग-अलग जंतुओं में अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं, जैसे कि उत्सर्जी पदार्थों के आधार पर जंतुओं को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों (three categories) में विभाजित किया गया।

अमोनोटलिक (Ammonotelic)

यूरियोटलिक (Ureotelic)

यूरिकोटेलिक (Uricotelic)

types of excretion
different patterns of excretion in animal kingdom
अमोनोटेलिस्म क्या होता है-Ammonotelism?

ऐसे जंतु जहां पर मेटाबोलिक प्रक्रियाओं में उत्सर्जी पदार्थ अमोनिया निकलता है, अमोनोटलिक कहलाते हैं।

अमोनिया सबसे अधिक विषैला नाइट्रोजन उत्सर्जी पदार्थ है इसके उत्सर्जन के लिए बहुत अधिक मात्रा में पानी की जरूरत होती है।

इसलिए ज़्यादातर जलीय जंतु (mostly aquatic animals) अमोनिया का उत्सर्जन करते हैं। 

इसलिए इन जंतुओं को अमोनोटलिक कहते हैं, और यह प्रक्रिया अमोनोटेलिस्म कहलाती है।

उदाहरण के तौर पर- बोनी मछलियां(Bony fishes), पानी में पाए जाने वाले एंफीबियंस(Aquatic amphibians), कीड़े (insects)

मछलियों में अमोनिया का उत्सर्जन उनके गलफड़ों या गिल (gills) के द्वारा होता है। यहां पर किडनी का कोई बहुत बड़ा रोल उत्सर्जन (no significance role in excretion) में नहीं होता।

यूरियोटेलिज्म क्या होता है-Ureotelism?

ऐसे जंतु जहां नाइट्रोजन के मेटाबॉलिज्म से यूरिया (Urea) का निर्माण होता है, यूरियोटलिक जंतु कहलाते हैं, यहां पर उत्सर्जी पदार्थ यूरिया होता है और इनको उत्सर्जित करने की प्रक्रिया यूरियोटेलिज्म कहलाती है।

ज़्यादातर ज़मीन पर पाए जाने वाले जंतुओं में यूरिया ही मुख्य उत्सर्जी पदार्थ है। यह मनुष्य में भी उत्सर्जी पदार्थ है और यह अमोनिया से कम ज़हरीला होता है।

जैसे समुद्री मछलियां (marine fishes), ज़मीन पर पाए जाने वाले एंफीबियंस (land amphibians) और सभी मैमल्स (mammals including humans)

यूरिकोटलिज्म क्या होता है-Uricotelism?

ऐसे जंतु जिनमें उत्सर्जी पदार्थ यूरिक एसिड (Uric acid) होता है, यूरिकोटेलिक कहलाते हैं। और इस उत्सर्जी पदार्थ को निकालने की प्रक्रिया यूरिकोटलिज्म कहलाती है।

यूरिकोटलिज्म ज़्यादातर ऐसे जंतुओं में पाई जाती है, जो यूरिक एसिड को पेस्ट के रूप में निकालते हैं।

जैसे कि पक्षियों में, रेप्टाइल्स, ज़मीन पर पाए जाने वाले स्नेल्स (terrestrial snails, land reptiles, birds and insects) और इंसेक्ट्स।

यूरिक एसिड सबसे कम जहरीला (uric acid is least toxic) होता है, इसलिए इसे निकालने के लिए बहुत कम पानी की जरूरत होती है।

उत्सर्जी अंगों के प्रकार-Types of Excretory Organs

एनिमल किंगडम में 10 लाख (over one million species) से ऊपर जंतुओं की प्रजाति पाई जाती है।

यहां पर बहुत सामान्य जंतु से लेकर बहुत अधिक कांप्लेक्स जंतु पाए जाते हैं, और इसी के अनुसार इनमें उत्सर्जी अंग भी उपस्थित होता है।

कुछ ऐसे जंतु भी हैं, जिनमें उत्सर्जी अंग अनुपस्थित होता है। और वह सीधे-सीधे शरीर की कोशिका की कोशिका झिल्ली द्वारा उत्सर्जी पदार्थ को बाहरी वातावरण (excrete in surrounding environment) में निकाल दिया जाता है। जैसे कि-

फाइलमप्रोटोजोआ(Protozoa), पोरिफेरा (Porifera), सीलेंट्रेटा(Coelenterata) और टीनोफ़ोरा(Ctenophora) में कोई विशेष उत्सर्जि अंग नहीं पाया जाता। 

यहां पर सीधे शरीर की सतह (body surface or cell membrane) द्वारा उत्सर्जी पदार्थों को निकाल दिया जाता है।

फाइलम प्लेटीहेलमाइंथेस(Phylum-Platyhelminthes, Rotifers, some Annelids and Cephalochordates) ,रोटीफर्स कुछ ऐनेलिडा और सिफैलोकोर्डेटा में प्रोटोनेप्रीडिया (Protonephridia) पाई जाती है। 

वही प्लेटीहेलमाइंथेस (Platyheminthes) में एक विशेष प्रकार की उत्सर्जी कोशिकाएं होती हैं। जिन्हें ज्वाला कोशिका या फ्लेम सेल (Flame cell) नाम दिया जाता है।

नेफ्रीडिया ट्यूबलर (nephridia are tubular structure) संरचना होती है, जो कि केंचुए (earthworm & other Annelids) और दूसरे ऐनेलिड्स में पाई जाती है।

मालपिघियन ट्यूबल, इंसेक्ट्स और काकरोच (malpighian tubules in insects & cockroach) में पाई जाती है। 

वही एंटीनल ग्लैंड या ग्रीन ग्लैंड झींगा मछली या क्रस्टेशियंस (Antennal gland or green gland in prawn & other crustaceans) में पाई जाती हैं।

वहीं उच्च श्रेणी के जंतुओं में जैसे- रेप्टाइल्स, एंफीबियंस, मैमल्स और मछलियों में एक जोड़ी किडनी (a pair of kidneys present in most of the vertebrates-Fishes,amphibians,reptiles & mammals) उपस्थित होती है। जोकि उत्सर्जन का काम करती है।

हालांकि मछलियों में देखा जाए तो, गिल्स (gills are excretory in functions) मुख्य रूप से उत्सर्जन का काम करते हैं।

कुछ दूसरे नाइट्रोजनीय उत्सर्जी पदार्थ 
Other Nitrogenous Wastes-

उपरोक्त उत्सर्जी पदार्थों के अलावा भी कुछ और नाइट्रोजनीय पदार्थ बनते हैं जैसे कि-

types of excretory wastes
different types of nitrogenous wastes in animal kingdom
क्रिएटिनीन और क्रिएटीन(Creatinine & Creatine Phosphate)-

हमारी मसल्स कोशिकाओं (muscles cell) में क्रिएटीन फास्फेट नामक उच्च ऊर्जा युक्त मॉलिक्यूल मौजूद होता है, जो एटीपी (storage of ATP) की स्टोरेज करता है।

अगर फास्फेट की मात्रा अधिक हो जाए तो, यह क्रिएटीन फास्फेट के रूप में या क्रिएटिनीन के रूप में यूरिन के साथ उत्सर्जित होता है।

ट्राई मिथाइल एमीन ऑक्साइड(Trimethylamine Oxide:TMO)-

समुद्री टेलियोस्ट मछलियां (in teleost Fishes) बहुत अधिक मात्रा में एक अलग तरह का उत्सर्जी पदार्थ निकालती हैं, जिनको ट्राई मिथाइल एमीन ऑक्साइड (TMO) कहा जाता है, यही ऑस्मोरेगुलेशन (osmoregulation) को भी नियंत्रित करता है।

आर्निथ्यूरिक एसिड(Ornithi Uric Acid)- 

यह पक्षियों में उत्सर्जित किया जाता है, इसका निर्माण बेंजोइक एसिड और आर्निथिन अमीनो एसिड (Benzoic acid and ornithine amino acid) के मिलने पर होता है।

हिप्यूरिक एसिड(Hippuric Acid)-

यह बेंजोइक एसिड और ग्लाइसिन अमीनो एसिड (Benzoic acid and glycine amino acid) के मिलने पर बनता है।

एलनटोइन (Allantoin)-

यह यूरिक एसिड से बनता है। यह एमनियोट्स (Amniotes) में एंब्रीयॉनिक डेवलपमेंट के दौरान निकाला जाता है।

इसके अलावा बिलीरुबिन, बिलीवर्डिन और बाइल साल्ट्स (Bilirubin,Biliverdin and Bile salts) भी उत्सर्जी पदार्थों की श्रेणी में आते हैं।

अंत में(Conclusion)-

इस प्रकार से हम देखते हैं कि एनिमल किंगडम में उत्सर्जी अंग में बहुत ज़्यादा विभिन्नताएं देखने को मिलती है, जितनी ज़्यादा सिंपल संरचना है। उतना ही सिंपल उत्सर्जी अंग पाया जा रहा है लेकिन सभी का कार्य एक ही है, उत्सर्जन और ऑस्मोरेगुलशन बनाये रखना ।

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