कोशिकाओं में होने वाली मेटाबोलिक अभिक्रियाओं (metabolic reaction in cells) के दौरान मेटाबोलाइट्स के ऑक्सीकरण (oxidation of metabolites) के दौरान जो ऊर्जा निकलती है। उसका इस्तेमाल एटीपी के (ATP-adenosine tri Phosphate) निर्माण में होता है।
इसी को सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन (substrate level phosphorylation) या सबस्ट्रेट स्तर फास्फोरिलीकरण कहते हैं। एटीपी को कोशिका की ऊर्जा मुद्रा (ATP is energy currency of the cell) कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में एटीपी का निर्माण सीधे तौर पर (direct synthesis of ATP from oxidation of metabolites) किसी भी ऑक्सीकारक या मेटाबोलाइट्स से होना।
What is the comparative difference between substrate level phosphorylation, oxidative phosphorylation and photophosphorylation?
सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन, ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन और फोटो फास्फोराइलेशन में अंतर क्या है?
किन मेटाबोलिक अभिक्रियाओं के दौरान सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन होता है? In which metabolic reactions substrate level phosphorylation take place?
कोशिकीय श्वसन के दौरान दो (ग्लाइकोलाइसिस और क्रेब्स साइकिल) महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं हैं, जिनमें सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन होता है इन्हें हम एक-एक करके देखेंगे।
ग्लाइकोलाइसिस में सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन (Substrate level Phosphorylation in Glycolysis)-
ग्लाइकोलाइसिस (Glycolysis) की प्रक्रिया ऑक्सी और अनाक्सी श्वसन दोनों में ही होती है।
ग्लाइकोलाइसिस प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिकाओं के साइटोप्लाज्म (cytoplasm of Prokaryotic & Eukaryotic cells) में होने वाली 10 चरणों वाली एंज़ाइम कैटालाइज्ड अभिक्रिया (ten steps enzyme catalyzed reactions) है।
जिसमें सातवें और अंतिम चरण के दौरान सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन होता है। जिससे सीधे-सीधे एटीपी का निर्माण होता है।
सातवें चरण में 1-3 बिसफास्फोग्लिसरेट (1-3 bisphosphoglycerate), फास्फोग्लिसरेट काइनेंस एंज़ाइम (phosphoglycerate kinase) की उपस्थिति में 3-फास्फोग्लिसरेट (3-phosphoglycerate) में बदल जाता है।
इस अभिक्रिया के दौरान 1-3 बिसफास्फोग्लिसरेट के प्रथम कार्बन से फास्फेट ग्रुप निकलता है, जोकि एडीपी के साथ जोड़कर एटीपी (conversion of ADP into ATP) बनाता है।
इसी प्रकार से ग्लाइकोलाइसिस के अंतिम चरण में फास्फोइनाल पाइरूवेट से पाइरूवेट (phosphoenol pyruvate change into pyruvate) का निर्माण होता है।
इस अभिक्रिया में भी एक फास्फेट निकलता है और एडीपी के साथ जोड़कर सीधे एटीपी बनाता है। इस अभिक्रिया में पाइरूवेट काइनेंस एंज़ाइम (pyruvate kinase) उपस्थित होता है।
इस प्रकार से चार एटीपी (प्रत्येक चरण में दो एटीपी) का निर्माण सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन से होता है।
चूंकि ग्लाइकोलाइसिस की प्रक्रिया के शुरुआती चरण में 2 एटीपी इस्तेमाल हो जाते हैं। अतः कुल दो एटीपी प्राप्त होते हैं।
क्रेब्स साइकिल में सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन (Substrate level phosphorylation in Krebs’ Cycle)-
क्रेब्स साइकिल माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स में होने वाली एक साइक्लिक एंजाइम कैटालाइज़्ड अभिक्रिया है।
क्रेब्स साइकिल भी 10 चरणों में पूरी होती है और हर चरण में अलग-अलग सबस्ट्रेट्स से नए रसायनिक पदार्थ बनते हैं।
क्रेब्स साइकिल में भी दो एटीपी का निर्माण सबस्ट्रेट लेवल फास्फोराइलेशन द्वारा होता है।
यह प्रक्रिया क्रेब्स साइकिल में सक्सीनिल कोएंज़ाइम-ए का सक्सीनेट में (conversion of succinyl coenzyme-A to succinate) बदलाव के दौरान होती है।
इस प्रक्रिया में सक्सीनिल सिन्थेटेस (succinyl synthetase) एंजाइम भाग लेता है।
ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन क्या होता है? What is the Oxidative Phosphorylation?
ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन (oxidative phosphorylation)–
अपचयित या रिड्यूस्ड कोएंज़ाइम (reduced coenzyme) के ऑक्सीडेशन होने पर जो ऊर्जा निकलती है, और इसका इस्तेमाल ऊर्जा युक्त एटीपी के निर्माण में होता है।
तो इस प्रक्रिया को ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन कहते हैं। ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन माइटोकांड्रिया की अंदरूनी झिल्ली (inner mitochondrial membrane called Cristae) में होता है, जिससे क्रिस्टी कहते हैं।
यहीं पर एफ0-एफ1 पार्टिकल या एलीमेंट्री पार्टिकल या आक्सीसोम (F0-F1 or elementary particle or oxysome) पाए जाते हैं। जहां पर ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन की पूरी प्रक्रिया होती है।
यह प्रक्रिया ऑक्सी श्वसन की सबसे अंतिम क्रिया है।
इस पूरी प्रक्रिया में रिड्यूस्ड कोएंज़ाइम जोकि ग्लाइकोलाइसिस और क्रेब्स साइकिल के दौरान बनते हैं।
और ऑक्सीडेटिव फास्फोराइलेशन की प्रक्रिया में ऑक्सीकृत होते हैं। जिसके फलस्वरूप ऊर्जा निकलती है, और इसी ऊर्जा का इस्तेमाल एटीपी के निर्माण में होता है।
इस पूरी प्रक्रिया में एक एंज़ाइम बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसे एटीपी–सिंथेज (ATP-synthase) के नाम से जाना जाता है।
यह एंज़ाइम माइटोकांड्रिया के एफ0–एफ1 पार्टिकल में मौजूद होता है।
कोएंज़ाइम क्या होते हैं? WHAT ARE THE COENZYME?
यह कार्बनिक रसायन होते हैं जो मेटाबोलिक प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं।
कोएंज़ाइम मेटाबोलिक प्रक्रिया के दौरान जो हाइड्रोजन आयन और इलेक्ट्रॉन निकलते हैं उनको यह कोएंज़ाइम ग्रहण करके अपचयित हो जाते हैं।
कुछ मुख्य कोएंज़ाइम निम्नलिखित हैं-
निकोटिनामाइड एडिनाइन डाईन्यूक्लियोटाइड (Nicotinamide adenine dinucleotide-NAD)
फ्लेविन एडिनाइन डाईन्यूक्लियोटाइड (Flavin adenine dinucleotide-FAD)
जब ग्लाइकोलाइसिस, ऑक्सीडेटिव डी-कारबॉक्सीलेशन और क्रेब्स साइकिल दौरान, जो हाइड्रोजन आयन और इलेक्ट्रॉन निकलते हैं, उनको यह कोएंज़ाइम ग्रहण करके अपचयित हो जाते हैं।
और जब इनका ऑक्सीकरण (on oxidation release energy) होता है, तो ऊर्जा निकलती है और उसी ऊर्जा का इस्तेमाल एटीपी के बनाने में होता है।
प्रकाशीय फास्फोरिलीकरण या फोटो फास्फोराइलेशन क्या होता है? What is photophosphorylation?
पौधों में प्रकाश संश्लेषण के दौरान प्रकाश की उपस्थिति में एटीपी के निर्माण की प्रक्रिया को ही प्रकाशीय फास्फोरिलीकरण या फोटो फास्फोराइलेशन कहते हैं।
फोटो फास्फोराइलेशन की अभिक्रिया लाइट रिएक्शन (in granum of chloroplast, during the light reaction or hill reaction) के दौरान हरित लवक या क्लोरोप्लास्ट के ग्रेनम में होती है।
क्योंकि यहां पर प्रकाश की उपस्थिति (due to presence of Light ATP form) में एटीपी का निर्माण होता है। इसलिए इस प्रक्रिया को फोटो फास्फोराइलेशन कहते हैं।
अंत में(Conclusion)-
इस पोस्ट में हमने समझा की तीनों ही प्रक्रियाओं में एटीपी का निर्माण होता है,(ATP synthesize but in different ways) लेकिन अलग अलग तरह से
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