difference between nucleotides and nucleosides

न्यूक्लियोटाइड,न्यूक्लियोसाइड हिंदी में।Nucleoside & Nucleotide in Hindi

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इस ब्लॉग की शुरूआत करने के लिए पहले कुछ ज़रूरी सवाल जो कि इससे संबंधित हैं, देख लेते हैं।

न्यूक्लियोटाइड क्या होते हैं?

न्यूक्लियोटाइड कहां पाए जाते हैं?

यह किससे बने होते हैं?

न्यूक्लियोटाइड कितने प्रकार के होते हैं?

न्यूक्लियोटाइड्स और न्यूक्लियोसाइड्स में क्या अंतर होता है?

यह क्यों ज़रूरी हैं?

यदि इससे संबंधित कोई और भी प्रश्न आपके दिमाग में आता है या हमारे ब्लॉग में छूट गया है तो आप उसे कमेंट बॉक्स में लिखें। हम पूरा प्रयास करेंगे कि उसे अपने ब्लॉग के साथ जोड़ें।

चलिए अब ब्लॉग का प्रारंभ अपने पहले प्रश्न के साथ करते हैं?

न्यूक्लियोटाइड क्या होते हैं(What are the nucleotides)?

न्यूक्लियोटाइड को न्यूक्लिक अम्ल या न्यूक्लिक एसिड (Nucleic acid) की संरचनात्मक इकाई या मोनोमर (monomeric units) कहा जाता है,

क्योंकि जितने भी प्रकार के न्यूक्लिक एसिड इस पृथ्वी पर पाए जाते हैं चाहे वह डीएनए (DNA or RNA) हो या आरएनए हो, यह सभी न्यूक्लियोटाइड्स से मिलकर बने होते हैं।

इसलिए न्यूक्लियोटाइड को न्यूक्लिक एसिड का बिल्डिंग ब्लॉक (also known by building block) भी कह सकते हैं, कहने का मतलब यह है कि, अगर हम घर या मकान की बात करें तो, जिस प्रकार से कोई मकान बहुत सी ईटों से मिलकर बना होता है।

उसी प्रकार से न्यूक्लिक एसिड बहुत सारे न्यूक्लियोटाइड से मिलकर बना होता है, जैसे कि अगर हम मानव डीएनए की बात करें तो इसमें 6 अरब (more than 6 billions nucleotides or base pairs) से अधिक न्यूक्लियोटाइड पाए जाते हैं।

किस तरह के जैविकअणुओं में न्यूक्लियोटाइड पाए जाते हैं(which biomolecules consist of nucleotides)?

न्यूक्लियोटाइड सभी प्रकार के न्यूक्लिक एसिड में पाए जाते हैं। इसके अलावा हमारे शरीर में ऊर्जा स्त्रोत के तौर पर एटीपी (प्रत्येक जीव शरीर की कोशिकाएं उपापचय क्रिया में ऊर्जा के स्त्रोत के लिए एटीपी का इस्तेमाल करती हैं

इसलिए इसे कोशिकाओं में ऊर्जा की मुद्रा भी कहा जाता है)और इससे संबंधित दूसरे जैविक अणुओं इस्तेमाल होता है जैसे की जीटीपी (GTP-guanosine tri phosphate) यह सभी असल में न्यूक्लियोटाइड ही होते हैं।

हालांकि एटीपी-एडिनोसीन ट्राई फास्फेट (ATP-adenosine triphosphate) और जीटीपी (GTP-guanosine tri phosphate) हायर या उच्च श्रेणी के न्यूक्लियोटाइड (higher nucleotides because has more than one phosphate) कहलाते हैं क्योंकि इनके अंदर एक से अधिक फास्फेट मौजूद होता है।

न्यूक्लियोटाइड की संरचना और उसके घटक(what is the structure of nucleotides and their components)?

न्यूक्लियोटाइड तीन प्रकार के रासायनिक पदार्थों (chemical compounds) से मिलकर बना होता है,इनके नाम निम्नलिखित हैं-नाइट्रोजनीय क्षार (nitrogenous base), पांच कार्बन वाली शर्करा (five carbons containing pentose sugar) और फास्फेट (orthophosphoric acid)।

नाइट्रोजनीय क्षार और पांच कार्बन वाली शर्करा आपस में ग्लाइकोसिडिक बंधों (Glyosidic bonds) द्वारा जुड़ती हैं तो न्यूक्लियोसाइड (nucleosides) का निर्माण होता है,और जब न्यूक्लियोसाइड फास्फेट(phosphate) के साथ जुड़ता है तो न्यूक्लियोटाइड का निर्माण होता है।

नाइट्रोजनीय क्षार (nitrogeneous bases) भी पांच प्रकार (एडीनीन-adenine, ग्वानीन-guanine,साइटोसिन-cytosine,थायमीन-thymine और यूरेसिल-uracil) के होते हैं।

डीएनए में एडीनीन, ग्वानीन, साइटोसिन और थायमीन नाइट्रोजनीय क्षार पाए जाते हैं, जबकि आरएनए में एडीनीन, ग्वानीन, साइटोसिन और यूरेसिल नाइट्रोजनीय क्षार पाए जाते हैं।

वहीं पांच कार्बन वाली शर्करा दो प्रकार की होती है, पहली राइबोस शर्करा(ribose sugar) दूसरी डीऑक्सिराइबोस शर्करा (deoxyribose sugar)।

राइबोस शर्करा आरएनए में पाई जाती है,जबकि डीऑक्सिराइबोस शर्करा डीएनए में पाई जाती है।

न्यूक्लियोसाइड क्या होते हैं(what are the nucleosides)?

जब नाइट्रोजन क्षार और शर्करा आपस में ग्लाइकोसिडिक बंधों से मिलते हैं,न्यूक्लियोसाइड का निर्माण होता है।

आरएनए में पाए जाने वाले न्यूक्लियोसाइड्स को राईबो-न्यूक्लियोसाइड्स (ribonucleosides) कहते हैं (क्योंकि आरएनए में राइबोस शर्करा होती है) और डीएनए में पाए जाने वाले न्यूक्लियोसाइड्स को डीऑक्सीराइबो-न्यूक्लियोसाइड्स (deoxyribo-nucleoside) कहते हैं, क्योंकि डीएनए में डीऑक्सिराइबोस शर्करा होती है।

न्यूक्लियोटाइड्स और न्यूक्लियोसाइड्स में क्या अंतर होता है?(Difference between Nucleotides and Nucleosides)?

नाइट्रोजन क्षार और शर्करा के आधार पर न्यूक्लियोसाइड निम्नलिखित प्रकार के होते हैं।

आरएनएमें पाए जाने वाले न्यूक्लियोसाइड या राईबो-न्यूक्लियोसाइड्स (types of ribonucleosides found in RNA)-

एडिनोसीन (adenosine)

ग्वानोसीन (guanosine)

साइटीडीन (cytidine)

युरीडीन (uridine)

डीएनए में पाए जाने वाले न्यूक्लियोसाइड या डीऑक्सीराइबो-न्यूक्लियोसाइड्स(types of deoxyribonucleosides in DNA)-

डीऑक्सीराइबो-एडिनोसीन (deoxyriboadenosine)

डीऑक्सीराइबो-ग्वानोसीन (deoxyriboguanosine)

डीऑक्सीराइबो-थाइमीडीन (deoxyribothymidine)

डीऑक्सीराइबो-साइटीडीन (deoxyribocytidine)

न्यूक्लियोटाइड्स कितने प्रकार के होते हैं (how many types of nucleotides)?

न्यूक्लियोटाइड्स को भी न्यूक्लियोसाइड्स के समान दो प्रकार में विभाजित किया जाता है।

पहले राईबो-न्यूक्लियोटाइड्स जो कि आरएनए में पाए जाते हैं और दूसरे डीऑक्सीराइबो-न्यूक्लियोटाइड्स जोकि डीएनए में पाए जाते हैं

राईबोन्यूक्लियोटाइड के प्रकार

एडिनायलिक एसिड (adenylic acid)

ग्वानिलिक एसिड (guanylic acid)

साइटीडिलिक एसिड (cytidylic acid)

यूरीडिलिक एसिड (uridylic acid)

डीऑक्सीराइबोन्यूक्लियोटाइड के प्रकार

डीऑक्सीराइबो-एडिनायलिक एसिड(deoxy-adenylic acid)

डीऑक्सीराइबो-ग्वानिलिक एसिड  (deoxy-guanylic acid)

डीऑक्सीराइबो-थाइमीडिलिक एसिड (deoxy-thymidylic acid)

डीऑक्सीराइबो-साइटीडिलिक एसिड(deoxy-cytidylic acid)

उच्च श्रेणी के न्यूक्लियोटाइड्स (higher class of nucleotides)-

इनमें से अधिकतर विभिन्न उपापचय क्रियाओं में ऊर्जा स्रोत के तौर पर इस्तेमाल होते हैं इसके साथ ही यह कई सारे एंजाइम्स के लिए कोफैक्टर का कार्य करते हैं।

एटीपी-एडिनोसिन ट्राईफास्फेट (adenosine tri phosphate)

एडीपी-एडिनोसिन डाईफास्फेट (adenosine di phosphate)

जीडीपी-ग्वानोसीन ट्राईफास्फेट (guanosine tri phosphate)

जीटीपी-ग्वानोसीन डाईफास्फेट (guanosine di phosphate)

यह क्यों ज़रूरी हैं?(Why nucleotides important)?

चूंकि, न्यूक्लियोटाइड्स न्यूक्लिक एसिड की संरचनात्मक इकाई (structural units) हैं,और सभी प्रकार के न्यूक्लिक एसिड न्यूक्लियोटाइड्स से मिलकर बनें होते हैं।

यदि न्यूक्लियोटाइड्स ना हो तो डीएनए या आरएनए की कल्पना नहीं की जा सकती और हम सभी जानते हैं कि,

डीएनए सभी कोशिकीय जीवों के साथ-साथ बहुत से वायरस के अंदर के अनुवांशिक पदार्थ है।और आरएनए के बिना प्रोटीन का निर्माण नहीं हो सकता है।

वहीं एटीपी हमारे शरीर की कोशिकाओं में हर प्रकार की उपापचय क्रिया (Metabolic reactions) में ऊर्जा के स्त्रोत के तौर पर प्रयोग होता है।

अंत में (conclusion)-

न्यूक्लियोटाइड्स डीएनए (DNA) और आरएनए (RNA) को बनाते हैं वही डीएनए और आरएनए कोशिकाओं के कार्यों को नियंत्रित करते हैं।

और कोशिकाएं हमारे शरीर को चलाती है तो अगर न्यूक्लियोटाइड्स नहीं है तो डीएनए नहीं होगा और फलस्वरूप शरीर कार्य करना बंद कर देगा।

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