केमियोस्मोटिक हाइपोथेसिस-Chemiosmotic Hypothesis
Table of Contents
केमियोस्मोटिक हाइपोथेसिस या रसायन-परासरणी सिद्धान्त (Chemiosmosis Hypothesis) को पीटर मिशेल (Peter Mitchell) में 1961 में दिया था।
यह सिद्धान्त हमें (ATP) एटीपी की सिन्थेसिस के बारे में सही-सही जानकारी देता है ।
Krebs cycle in Hindi
इसके अनुसार एटीपी (ATP) की सिन्थेसिस माइटोकॉन्ड्रिया और क्लोरोप्लास्ट (Mitochondria and Chloroplast) में किस तरह से होती है, उसके क्रियाविधि को बताता है।
माइटोकान्ड्रिया में इलेक्ट्रान ट्रांसपोर्ट (ETS- Electron Transport System) और क्लोरोप्लास्ट में लाइट रिएक्शन (Light Reaction) के दौरान किस तरह से ATP बनता है, वह इस हाइपोथेसिस में सही-सही समझाया गया है।
केमियोस्मोटिक हाइपोथेसिस में उस पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया गया है, जिससे कि फोटोसिन्थेसिस और श्वसन (Photosynthesis & Respiration) में ATP (एटीपी) का निर्माण होता है।
केमियोस्मोटिक के अनुसार एटीपी (ATP) सिन्थेसिस प्रोटान के ग्रेडिएंट (depend on proton ) पर निर्भर करती है, जो झिल्ली (Proton Gradient develop across membrane) के आर-पार बनता है।
श्वसन में यह झिल्ली माइटोकांड्रिया (mitochondrial membranes in respiration) की होती है, वही प्रकाश संश्लेषण (thylakoid membrane in Photosynthesis) में थैलाकाएड की झिल्ली होती है।
हालांकि Photosynthesis जमा प्रोटान थैलाकाएड के ल्यूमेन में (protons accumulates in thylakoid lumen) जमा होते है।
वही श्वसन में (in Respiration) प्रोटान इनर मिम्ब्रेन स्पेस में जमा (protons accumulates in inter membranous space) होते है।
प्रोटान ग्रैडिएट कैसे बनता है-Formation of Proton Gradient in Thylakoid
Video of Chemiosmotic Hypotheis
चूँकि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में जब लाइट रिएक्शन होता है, जल के मालीक्यूल टूटते है।
जल के मालीक्यूल, थैलाकाएड के ल्यूमेन में टूटते है, जिससे हाइड्रोजन आयन या प्रोटान (hydrogen ions or protons accumulates in the lumen of thylakoid) वहां पर इकठ्टे होते है।
जब इलेक्ट्रान्स एक फोटोसिस्टम से दूसरे फोटोसिस्टम में मूव करते है, तब प्रोटान झिल्ली के (Membrane of Thylakoid) के आर-पार चले जाते है।
इसलिए प्रोटान की संख्या थैलाकाएड के ल्यूमेन में बढ़ती जाती है जिससे झिल्ली के दोनों तरफ एक प्रोटान ग्रेडिएंट बन जाता है।
इसके साथ ही थैलाकाएड के ल्यूमेन (lumen of thylakoid) में PH की वैल्यू बढ़ने लगती है।
केमियोस्मोटिक के लिए एक झिल्ली, एक प्रोटान पम्प, एक प्रोटान ग्रेडिएंट और एक विशेष एंजाइम एटीपी-ऐस (a membrane, a proton pump, a proton gradient और ATPase Enzyme – are require)
प्रोटान ग्रेडिएंट का क्या महत्व हैं-Significance of Proton Gradient
प्रोटान ग्रेडिएंट का बनना ज़रूरी होता है, क्योंकि जब प्रोटान ग्रेडिएंट टूटता है। तो उर्जा निकलती है। (release of energy due to breakdown of Gradient), जिसका इस्तेमाल एटीपी के बनाने के लिए किया जाता है।
यह प्रोटान ग्रेडिएंट प्रोटान के मूवमेंट (proton gradient breakdown due to proton movement) की वजह से टूटता है।
क्लोरोप्लास्ट में कुछ विशेष चैनल होते है, जिनको कपलिंग फैक्टर नाम दिया जाता है। जैसे कि CFo – CF1 (Coupling factor). .
CFo – CF1 थैलाकाएड की झिल्ली में मौजूद होते है इनमें एटीपी-ऐस एंजाइम (ATPase enzyme) होता है।
यह चैनल Transmembrane होते है, जो प्रोटान की पंपिंग करते है।
CF1 वाला भाग प्रोटीन चैनल का थैलाकाएड झिल्ली के बाहर की तरफ उभरा हुआ होता है, और इसकी
दिशा स्ट्रोमा की ओर होती है।
CFo – CF1 चैनल प्रोटान के फैसिलिटेटेड डिफ्फुसन (help in facilitated diffusion of proton across membrane) में मदद करते है।
जब प्रोटान ग्रेडिएंट (Proton Gradient) टूटता है, तो इतनी मात्रा में उर्जा निकलती है, जोकि CF1 वाले भागको इस तरह से एक्टिव करती है, कि इसका एटीपी-ऐस एंजाइम (ATPase Enzyme) भी क्रियाशील हो जाता है, और ATP का निर्माण शुरू कर देता है।
थैलाकाएड में प्रोटान ग्रेडिएंट कैसे बनता है
जब लाईट रिएक्शन के दौरान इलेक्ट्रान (electrons move from one photosystem to another photosystem) एक फोटोसिस्टम से दूसरे फोटोसिस्टम को ट्रांसफर किये जाते है, तब हाइड्रोजन आयन स्ट्रोमा से थैलाकाएड के ल्यूमेन में ही टूटते है।
इस तरह से यहाँ प्रोटान की संख्या बढ़ने लगती है और प्रोटान ग्रेडिएंट का निर्माण शुरू हो जाता है।
कुछ ज़रूरी सवाल
सवाल 1- केमियोस्मोटिक हाइपोथेसिस किसने दी।
जवाब – केमियोस्मोटिक हाइपोथेसिस को पीटर मिशेल ने 1961 में दिया था।
सवाल 2- प्रोटान या हाइड्रोजन आयन लाइट रिएक्शन के दौरान कहाँ पर इकट्ठा होते है।
जवाब – प्रोटान या हाइड्रोजन आयन थैलाकाएड के ल्यूमेल में जमा होते है ।
सवाल 3- केमियोस्मोटिक हाइपोथेसिस के लिए क्या आवश्यकता होती है ।
जवाब – इसके लिए- एक झिल्ली, एक प्रोटान पम्प, प्रोटान ग्रेडिएंट और एटीपी-एज़ (ATPase enzyme)
एंज़ाइम की ज़रुरत होती है ।
सवाल 4- केमियोस्मोटिक हाइपोथेसिस कहाँ-कहाँ पर काम करती है ।
जवाब – यह श्वसन के दौरान माईटोकान्ड्रिया और फोटोसिन्थेसिस के दौरान क्लोरोप्लास्ट में एटीपी (ATP formation) के बनने को समझाती है।
अंत में-Conclusion
इस पोस्ट में हमनें केमियोस्मोटिक हाइपोथेसिस को आसान तरीक़े से समझाने की कोशिश की है।
फिर भी अगर किसी भी प्रकार का कोई सुझाव या अपडेट और यदि कोई मिस्टेक आपको दिखाई देती है, तो आप हमें ज़रूर बताएं।
हम आपके सुझाव को या किसी मिस्टेक, जोकि पोस्ट में यदि कहीं पर हुई है, तो उसे अपडेट करने की पूरी कोशिश करेंगे।
अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।
आप की ऑनलाइन यात्रा मंगलमय हो।।