RNA Processing in Eukaryotes in Hindi।आरएनए प्रोसेसिंग हिंदी में

Share

आरएनए प्रोसेसिंग-RNA processing

वह प्रक्रिया है, जिसमें यूकैरियोटिक सेल में एचएन-आरएनए को मेच्योर आरएनए (hn-RNA to m-RNA) में चेंज किया जाता है।

यह यूकैरियोटिक सेल में होने वाली प्रोसेस ,है जिसमें डीएनए (DNA) से जो आरएनए बनता है, उसे प्राइमरी ट्रांसक्रिप्ट या प्री-आरएनए कहते हैं।

इस आरएनए का फॉर्मेशन या ट्रांसक्रिप्शन, को आरएनए पॉलीमरेस सेकंड एंज़ाइम (Enzyme-RNA-Polymerase II) करता है, क्योंकि यूकैरियोटिक सेल में 3 तरह के आरएनए पॉलीमरेस एंज़ाइम होते हैं।

जो अलग-अलग आरएनए की सिंथेसिस करते हैं, और यूकैरियोटिक में आरएनए की सिंथेसिस और प्रोसेसिंग की प्रक्रिया न्यूक्लियस में ही पूरी होती है।

आरएनए प्रोसेसिंग की प्रक्रिया में एचएन-आरएनए में नॉनकोडिंग सीक्वेंस होते हैं, जिनको इंट्रोंस (Introns) कहते हैं।

इंट्रोंस (Introns) हटाया जाता है, और कोडिंग सीक्वेंस जिन को एग्ज़ान (Exon) कहते हैं, आपस में जोड़ दिया जाता है जिससे एक कंटीन्यूअस कोडिंग रीजन का फॉर्मेशन होता है।

ऐसा इसलिए होता है, कि यूकैरियोटिक सेल में जीन के कोडिंग सीक्वेंस के बीच में नॉनकोडिंग सीक्वेंसेस भी पाए जाते हैं, इसलिए यूकैरियोटिक में जीन स्पिल्ट (genes are split in eukaryotes) होते हैं।

मतलब कहने का कंटीन्यूअस कोडिंग रीजन नहीं होता है, वही प्रोकरयोट्स (prokaryotes) में इसके उलट या रिवर्स कंडीशन पाई जाती है, जहां सिर्फ कोडिंग रीजन पाया जाता है।

प्रोकरयोट्स (prokaryotes) में पूरी डीएनए रिप्लिकेशन, ट्रांसलेशन और ट्रांसक्रिप्शन की प्रक्रिया सैटोप्लास्म (cytoplasm) में होती है। क्योंकि प्रोकरयोट्स में न्यूक्लियस नहीं पाया जाता है, और किसी भी तरह का नॉनकोडिंग रीजन (introns) नहीं होता है।

RNA processing in hindi

 

आरएनए प्रोसेसिंग के मुख्य स्टेप्स  

आरएनए प्रोसेसिंग के 3 में चरण होते हैं, जिनमें इस स्प्लिसिंग (splicing) सबसे ज़्यादा इंपॉर्टेंट होता है, तीनों चरणों के नाम निम्नलिखित हैं, जिन्हें हम अलग-अलग करके देखेंगे।

 

कैपिंग (Capping of m-RNA)

इस प्रक्रिया में एक अनयूजुअल बेस प्रीएम-आरएनए या जिसे एचएन-आरएनए के नाम से जाना जाता है, उसके 5’ प्राइम एन्ड पर आकर ऐड होता है, इस अनयूजुअल बेस का नाम मिथाइल गुएनोसिन ट्राई फॉस्फेट (methyl guanosine triphosphate) होता है।

जब मिथाइल गुएनोसिन ट्राई फॉस्फेट एचएन-आरएनए (hn-RNA) के 5’ एंड पर ऐड होते हैं, तो एक नए तरह का बांड (novel bond) फॉर्मेशन होता है। जिसे 5’—5’ फॉस्फोडाईस्टर बॉन्ड कहते हैं, यह बांड कोशिका में सामान्य अवस्था में नहीं पाया जाता।

इसके लिए जो एंज़ाइम इस्तेमाल होता है कोशिका में उसका नाम guanyl transferase होता है,

टी-आरएनए (t-RNA) में प्रोसेसिंग के दौरान, सीसीए (CCA) बेसेस को 3’ प्राइम एन्ड पर ऐड किया जाता है।

 

टेलिंग(Polyadenylation/Tailing of hn-RNA)

इस चरण में एचएन-आरएनए के (3’) तीन प्राइम एंड पर 200 से 300 एडिनायलेट एडेनिन को जोड़ा जाता है इस प्रोसेस के लिए भी एंज़ाइम की जरूरत होती है।

जिसका नाम पॉली-एडेनिन-पॉलीमरेज (Poly-A-polymerase) होता है, यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि या प्रोसेस टेंपलेट इंडिपेंडेंट मैंनेर में होती है।

इसका मतलब यह हुआ कि आरएनए के स्ट्रैंड को टेंपलेट के तौर पर यहां पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है, बल्कि सीधे-सीधे 200 से 300 एडिना रेसिड्यू को 5’ प्राइम एंड पर जोर दिया जाता है।

 

स्प्लिसिंग (Splicing)

यह आरएनए प्रोसेसिंग का सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य चरण होता है, जिसमें नॉनकोडिंग रीजन इंट्रोंस (Introns) को हटाया जाता है और कोडिंग रीजन जिनको एग्ज़ान (Exon) कहा जाता है।

एग्ज़ान (Exon) को Ligase enzyme की मदद से आपस में जोड़ दिया जाता है। जिससे कंटीन्यूअस कोडिंग (continous coding region) रीजन बन जाता है।

इंट्रोंस (Introns) गुआनिन (guanine) से निकले टाइट से शुरू होते हैं। और एडेनिन (adenine) वानी निकलो टाइट पर खत्म होते हैं, जून को फॉलो करते हैं।

स्प्लिसिंग की प्रोसेस में स्पेशल एंज़ाइम की जरूरत होती है, जिनको स्प्लिसिंग ऑपरेटर्स कहा जाता है। यह स्मॉल रिबोन्यूक्लियोप्रोटीन (small ribonucleoprotein) होते हैं जिनको (snurp) भी कहते हैं।

जो इंट्रांस (introns) को रिमूव करते हैं, और एग्ज़ान (Exon) को जोड़ते हैं।

जैसे- कुछ स्माल राइबोन्यूक्लियोप्रोटीन (small ribonucleoprotein or snurp) की स्प्लिसिंग प्रोसेस में इस्तेमाल होता है।

 

स्प्लिसिंग क्या होती है?What is splicing of m-RNA?

प्राइमरी ट्रांसक्रिप्ट् में नॉनकोडिंग रीजन (Introns) को हटाना और कोडिंग रीजन जिसे एग्ज़ान (Exon) कहा जाता है, आपस में जोड़ना ही, स्प्लिसिंग है।

 

कैपिंग क्या है?What is Capping?

methyl guanosine triphosphate को प्राइमरी ट्रांसक्रिप्ट् (hn-RNA) के 5’ end पर जोड़ने ही कैपिंग है।

 

टेलिंग क्या है?What is tailing process in m-RNA?

जिसमें 200 से 300 adenine residues को प्राइमरी ट्रांसक्रिप्ट् (hn-RNA) के 3’ end पर जोड़ा जाता है।

अंत में

आज के पोस्ट में हमने देखा कि आरएनए प्रोसेसिंग-RNA processingकी प्रक्रिया किस तरह से सेल में पूरी होती है ।

फिर भी किसी भी प्रकार का कोई सुझाव या अपडेट और यदि कोई मिस्टेक आपको दिखाई देती है, तो आप हमें ज़रूर बताएं।

हम आपके सुझाव को या किसी मिस्टेक, जोकि पोस्ट में यदि कहीं पर हुई है, तो उसे अपडेट करने की पूरी कोशिश करेंगे।

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।

आप की ऑनलाइन यात्रा मंगलमय हो।।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *