अनुवांशिकी in Hindi।अनुवांशिक शब्दवाली।Genetics Terminology

Share

अनुवांशिकी या जेनेटिक्स(definition of Genetics)-

जीव विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत हम हेरिडिटी तथा विभिन्नाताओं के बारे में अध्ययन करते हैं अनुवांशिकी या जेनेटिक्स कहलाती है।

शब्द जेनेटिक्स का प्रयोग सर्वप्रथम विलियम बेटसन (William Bateson)  ने किया था।

अनुवांशिकी के पिता ग्रेगर जॉन मेंडल (Gregor John Mendel)  हैं, जिन्होंने लगभग 7 वर्षों तक मटर(Pea Plant-Pisum sativum) के पौधों पर  हाइब्रीड़ाइजेशन या संकरण का अध्ययन किया था और वंशागति के नियम दिए।

चलिए अब हम अनुवांशिकी में इस्तेमाल होने वाले शब्दों को समझ लेते हैं जिन्हें हम अनुवांशिक शब्दवाली(Genetics Terminology) कहते हैं, जैसे कि-

अनुवांशिक शब्दवाली(what are Genetics Terminology?)

हेरिडिटी या वंशागति(definition of Heredity)-

अनुवांशिक लक्षणों का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाना है हेरिडिटी कहलाता है।

वेरिएशन या विभिन्नता(definition of Variations)-

एक ही जाति के दो जीवो के बीच जो असमानता  पाई जाती हैं उसी को विभिन्नता कहते हैं।

जैसे कि एक ही परिवार में दो सदस्य एक समान नहीं होते। 

इन्हेरिटेंस या विरासत(Inheritance)- 

वह प्रक्रिया जिससे अनुवांशिक लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं, इनहेरिटेंस कहलाता है।

जीन,डीएनए,क्रोमैटिन,क्रोमोसोम और जीनोम में अंतर(Differences between Gene,DNA,Chromatin,Chromosome and Genome)-

जीनोम(what is Genome?)-

किसी जीव में उपस्थित कुल हैप्लॉयड अथवा आधे क्रोमोसोम की संख्या ही जीनोम कहलाती है।

डीएनए(DNA)– 

इसका पूरा नाम डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid)है यह जेनेटिक मैटेरियल है और इसी के द्वारा अनुवांशिक लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं।

जीन(definition of Gene)-

डीएनए का वह भाग जो क्रियाशील होता है उसे जीन कहते हैं या दूसरे शब्दों में जीन हेरिडिटी की अनुवांशिक इकाई है।

क्रोमेटिन(Chromatin)

यह डीएनए और हिस्टोन प्रोटीन का बना होता है जोकि अविभाजित कोशिका में दिखाई देता है जब कोशिका विभाजित होती है तो यह घना हो जाता है और क्रोमोसोम में बदल जाता है।

क्रोमोसोम(Chromosome)

यह क्रोमेटिन का बहुत घनी संरचना है जोकि कोशिका विभाजन के दौरान मेटाफेज़ अवस्था में दिखाई देता है।

मेटाफेज़ अवस्था क्रोमोसोम की अध्ययन के लिए बहुत उपयोगी है।

एलील या एलीलोमार्फ(what is Allele or Allelomorph)-

जीन के एक से अधिक रूप को एलील या एलीलोमार्फ कहते हैं।

हम जानते हैं कि क्रोमोसोम जोड़ियों में होते हैं जिनमें से प्रत्येक जोड़ी के क्रोमोसोम में से एक तो पिता से मिलता है वहीं दूसरी जोड़ी के क्रोमोसोम माता से आते हैं।

अतः जब क्रोमोसोम जोड़ियों में होगा तो उसमें उपस्थित जीन भी जोड़ियों में होंगे और उन्हें एलील कहा जाएगा जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गया।

प्रभावी अप्रभावी एलील(Dominant & Recessive Allele)

ऐसे लक्षण जो अगली पीढ़ी में दिखाई देते हैं प्रभावी लक्षण कहलाते हैं और इसके लिए उत्तरदायी एलील को प्रभावी एलील कहते हैं।

वही ऐसे लक्षण जो अगली पीढ़ी में पूरी तरह से छिप जाते हैं अप्रभावी लक्षण होते हैं तथा ऐसे एलील को अप्रभावी एलील कहते हैं

प्रभावी एलील को अंग्रेजी के बड़े अक्षरों से(TT) तथा अप्रभावी एलील को अंग्रेजी की छोटे अक्षरों से (tt) दर्शाया जाता है। 

homologous chromosome

होमोज़ाइगस या समयुग्मजी(Homozygous)-

जब दोनों ही जीन(एलील) एक समान होते हैं तो इसे होमोज़ाइगस कहते हैं।

जैसे कि TT और tt, यहां दोनों एलील एक समान हैं।

हेटरोज़ाइगस या विषमयुग्मजी(Heterozygous)-

जब दोनों ही जीन(एलील) एक दूसरे से भिन्न होते हैं तो इसे हेटरोज़ाइगस कहते हैं।

जैसे कि Tt और Rr, यहां दोनों एलील असमान हैं।

कैरेक्टर और ट्रेट्स(definition of Character & Traits)-

वह कोई भी लक्षण जिसकी वंशागति होती है कैरेक्टर कहलाता है, जबकि इसके विभिन्न स्वरूपों को ट्रेट्स कहते हैं।

जैसे कि रंग कैरेक्टर है और इसके स्वरूप लाल, सफेद या कोई और रंग भी हो सकता है

इसी प्रकार से अगर आंखों का रंग कैरेक्टर है तो यह काला या भूरा हो सकता है।

जीनोटाइप या जीनी प्रारूप(Genotype)-

किसी भी अनुवांशिक लक्ष्मण के लिए जो जीन या एलील का स्वरूप होता है उसे जीनोटाइप कहते हैं। जैसे TT, Tt, tt

फेनोटाइप या दृश्य प्रारूप(Phenotype)-

कोई भी अनुवांशिक लक्षण जब भौतिक रूप से दिखाई देता है तो उसे फेनोटाइप कहते हैं। लम्बाई, रंग आदि।

संकरण या क्रॉस(Cross)

जब हम एक ही जाति के दो जीवो के बीच विभिन्न अनुवांशिक लक्षणों को ध्यान में रखकर संकरण कराते हैं तो इसे क्रॉस कहते हैं।

क्रॉस मुख्यता दो प्रकार का होता है मोनोहाइब्रिड क्रॉस या एक संकरण  और डाईहाइब्रिड क्रॉस या दि्वसंकरण 

मोनोहाइब्रिड क्रॉस या एकल संकरण(what is Monohybrid Cross?)-

ऐसा क्रॉस जो एक जोड़ी विपरीत ट्रेट्स के बीच में कराया जाता है।

जैसे कि लंबे और बोने पौधों में, इसी तरह से लाल पुष्प और सफेद पुष्प के बीच।

monohybrid cross

डाईहाइब्रिड क्रॉस या दि्वसंकरण(what is Dihybrid Cross?)

जब हम दो जोड़ी विपरीत ट्रेट्स के बीच में संकरण कराते हैं तो ऐसे क्रॉस को डाईहाइब्रिड क्रॉस कहते हैं।

जैसे फूलों का रंग(लाल और सफेद) और बीज के आकार(गोल और झुर्रिदार बीज)

dihybrid cross

टेस्ट क्रॉस( definition of Test Cross)-

यह क्रॉस यह जानने के लिए किया जाता है की F1-संतति किसी लक्षण के लिए होमोज़ाइगस या हेटरोज़ाइगस प्रभावी है । इसमें F1-संतति का क्रॉस अप्रभावी के साथ कराते हैं।

अगर होमोज़ाइगस प्रभावी होगा तो सारी संतानें में केवल प्रभावी लक्षण ही दिखेगा।

और अगर हेटेरोजाईगयस प्रभावी होगा तो 50% संतानें प्रभावी लक्षण के साथ होंगी, वहीं 50% संतानें अप्रभावी लक्षण के साथ होंगी ।

आउट क्रॉस(Out Cross)

वह क्रॉस जिसमें F1-संतति का क्रॉस प्रभावी के साथ कराया जाता है ताकि अच्छे और प्रभावी लक्षण अगली पीढ़ी में बने रहें।

back cross & test cross

ट्रू ब्रीडिंग लाइंस(what are True or Pure breeding?)-

यह वह वंशक्रम होता है जिसका कई पीढ़ियों तक स्वापरागण(inbreeding) कराने के बाद भी लक्षण या ट्रेट में कोई बदलाव नहीं होता है और यह ट्रेट हर पीढ़ी में स्थायी रूप से दिखाई देता है। 

मेडंल ने कुल 7 जोड़ी  ट्रू ब्रीडिंग लाइंस का अध्ययन किया जोकि निम्नलिखित हैं

1-चिकने गोल और झुर्रिदार मटर के बीज(Round & Wrinkle shape seed)

2-पीले और हरे मटर के बीज(Yellow & Green colour of seed)

3-फूली हुई और सिकुड़ी हुई मटर की फलियां(Inflated & Constricted pod shape)

4-हरि और पीली मटर की फलियां(Green & Yellow pod colour)

5-लंबे और बौने मटर के पौधे(Tall & Dwarf stem height)

6-बैंगनी और सफेद रंग के फूल(Violet & White flower colour)

7-फूलों की एक्सिल और टर्मिनल स्थिति(Axial & Terminal flower position)

पनेट वर्ग(what is Punnet Square)-

इसको ब्रिटिश अनुवांशिकविद् रेजीनाल्ड सी पनेट (Reginald.C.Punnett) ने विकसित किया था यह अनुवांशिक संकरण में प्रयोग होता है।

इसमें जो भी संभावित जीनोटाइप होता है उसकी गणना के लिए बनाया गया था इस वर्ग में मादा युग्मकों को नीचे बाई तरफ और नर युग्मकों को उपर की तरफ दिखाया जाता है।

और सभी संभावित संयोजनों को वर्गों के अंदर जो बॉक्स बने होते हैं वहां पर दिखा जाता है सारी के सारे वर्ग एक ही शक्ल के होते हैं ।

लिंकेज(सहलग्नता) क्या है

प्लियोट्रॉपी हिंदी मे

मेंडल के प्रयोग

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *