double fertilization in angiosperms in hindi

Double Fertilization in Angiosperms in Hindi।एंजियोस्पर्म पौधों में दोहरा निषेचन

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डबल फर्टिलाइज़ेशन(Double Fertilization)

 

डबल फर्टिलाइज़ेशन एंजियोस्पर्म पौधों (Angiosperms or Flowering Plants) में एक विशेष फीचर है, जो किसी और प्रकार के पौधों में नहीं पाया जाता है।

आज के इस पोस्ट में हम लोग डबल फर्टिलाइज़ेशन के बारे में समझेंगे कि आखिर दो बार फर्टिलाइज़ेशन या द्विनिषेचन (double Fertilization) पुष्पीय पौधों में क्यों होता है, और यह क्यों ज़रूरी है।

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इसके अलावा हम लोग डबल फर्टिलाइज़ेशन या द्विनिषेचन की पूरी प्रक्रिया को भी समझेंगे।

पहले हम लोग डबल फर्टिलाइज़ेशन के पहले की कुछ ज़रूरी प्रक्रियाओं को समझ लेते हैं।

पोलिनेशन या परागण (Pollination)

 

वह प्रक्रिया जिसमें पौधों के फूलों के स्टेमेन वाले भाग से पॉलेन ग्रेन (pollen) स्टिग्मा (stigma) पर पहुंचता है, इस पूरी प्रक्रिया को पॉलिनेशन कहते हैं।

पॉलिनेशन के लिए एबायोटिक और बायोटिक (abiotic & Biotic agent) दोनों ही तरह के एजेंट इस्तेमाल हो सकते हैं।

अधिकतर पौधों में बायोटिक एजेंट मतलब जंतुओं का पालेन के ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल होता है।

सबसे अधिक एबायोटिक बायोटिक एजेंट के तौर पर पॉलिनेशन का काम शहद की मक्खियों या मधुमक्खियों (bees are most dominating biotic pollinators agent) द्वारा किया जाता है।

इसके अलावा दूसरे जंतु (other animals) भी पॉलिनेशन में मदद करते हैं।

वही एबायोटिक एजेंट के तौर पर हवा और पानी का इस्तेमाल, कुछ सिलेक्टेड पौधों के फूलों में पॉलिनेशन के लिए किया जाता है।

यहां पर यह भी ध्यान देना ज़रूरी है, कि अधिकतर पानी में पाए जाने वाले पौधों (aquatic plants) में पॉलिनेशन की प्रक्रिया हवा या इंसेक्ट (insects- especially honey bees) के द्वारा होती है।

पानी के द्वारा पॉलिनेशन की प्रक्रिया लगभग 30 जीनस (restricted in 30 genera) के पौधों में पाई जाती है, और इनमें भी मुख्यता मोनोकॉट्स (monocots) पौधे आते हैं।

पॉलिनेशन से रिलेटेड शब्द 

 

  • अगर पॉलिनेशन पानी की मदद से होता है, तो इसे हाइड्रोफिली (Hydrophily) कहते हैं।
  • अगर पॉलिनेशन हवा (wind)  की मदद से होता है, तो इसे एनीमोफिली (Anemophily) कहते हैं।
  • एनिमल या जंतुओं द्वारा होने वाले पॉलिनेशन को ज़ूफिली (Zoophily) कहते हैं।
  • इंसेक्ट की मदद से होता है, तो इसे एंटोमोफिली (Entomophily) कहते हैं।
  • अगर पॉलिनेशन चिड़ियों (birds) की मदद से होता है, तो इसे आर्निथोफिली (Ornithophily) कहते हैं।
  • अगर पॉलिनेशन, स्नेल (snails- phylum mollusca) की मदद से होता है, इसे मैलकोफिली (Malacophily) कहते हैं।
  • अगर पॉलिनेशन चमगादड़ (bats) की मदद से होता है, तो इसे काइरेप्टेरोफिली (Chiropterophily) कहते हैं।
  • अगर पॉलिनेशन सांप (snake) की मदद से होता है, तो इसे ओफियोफिली (Ophiophily) कहते हैं।

इसके अलावा जिको छिपकली (Gecko lizard), लीमर बंदर (lemurs) इंसान और दूसरे जंतु भी पॉलिनेशन में मदद करते हैं।

सबसे अधिक पॉलिनेशन इंसेक्ट (insects especially honey bees) द्वारा किया जाता है, जो कि लगभग कुल पॉलिनेशन का 80% भाग है।

पॉलिनेशन क्यों ज़रूरी है? Why pollination is important?

 

क्योंकि मेल गेमिट, नॉन मोटाईल (male gamete is nonmotile) होता है, और पालेन के अंदर पाया जाता है। पालेन की जेनरेटिव सेल (generative cell) डिवाइड होकर 2 मेल गेमिट बनाती हैं।

जो पॉलेन ट्यूब के मदद से एंब्रियो सैक (embryo sac or female gametophyte) में पहुंचते हैं।

और वहां पर मौजूद फीमेल गेमिट या एग सेल (egg cell) के साथ दोनों में से कोई एक मेल गेमिट फर्टिलाइज़ेशन करता है।

इसलिए मेल गेमिट को, फीमेल गेमिट के पास पहुंचने के लिए मीडियम की ज़रूरत होती है।

यह मीडियम पानी, हवा या जंतु हो सकते हैं, इस प्रकार के पौधों में पॉलेन ग्रेन की संरचना में अलग-अलग तरह के फीचर पाए जाते हैं।

जो कि पॉलेन के ट्रांसफर में मदद करते हैं। पॉलेन ट्यूब का बनना और ओव्यूल के अंदर प्रवेश

पॉलेन की बड़ी वाली सेल जिसे वेजिटेटिव सेल (vegetative cell) कहते हैं यही पॉलेन ट्यूब को बनाती है।

जब पॉलेन, फूलों के स्टिग्मा (stigma) वाले भाग पर पहुंच जाते हैं, तो जर्मपोर (germpore) से वेजिटेटिव सेल, पॉलेन ट्यूब का निर्माण शुरू कर देती है।

पॉलेन ट्यूब धीरे-धीरे, स्टाइल के टिशु (style tissue) से न्यूट्रीशन लेकर आकार में बढ़ता चला जाता है, और फिर ओव्यूल के अंदर एंटर करता है।

वहां पर मौजूद साइनरजिड सेल (synergid cells) में मौजूद फिलीफॉर्म ऑपरेटस (filiform apparatus) संरचनाएं पॉलेन ट्यूब की एंब्रियो सेक (embryo sac or female gametophyte) में एंट्री में मदद करती हैं।

पॉलेन ट्यूब दोनों साइनरजिड सेल में से किसी एक साइनरजिड सेल में प्रवेश करता है।

पॉलेन ट्यूब, साइनरजिड सेल के साइटोप्लाज्म में दोनों मेल गेमिट को रिलीज़ कर देता है।

जिस साइनरजिड सेल से पॉलेन ट्यूब एंटर करता है, वो साइनरजिड सेल डीजनरेट कर जाती है।

पॉलेन ट्यूब की ओव्यूल में एंट्री (Entry of pollen tube in Ovule)

पॉलेन ट्यूब ओव्यूल में तीन प्रकार से प्रवेश कर सकता है जोकि निम्नलिखित हैं।

pollen entry in ovule in hindi

पोरोगैमी (Porogamy)

यह सबसे कॉमन तरीक़ा है जिसमें पॉलेन ट्यूब माइक्रोपाइलर एंड (micropylar end) से ओव्यूल में प्रवेश करता है

मीसोगैमी (Mesogamy)

इस प्रक्रिया में पॉलेन ट्यूब ओव्यूल में फ्युनिकल या इंटीग्यूमेंट (funicle or integuments) की तरफ से इंटर करता है।

चलैजोगैमी (Chalazogamy)

इस प्रक्रिया में पॉलेन ट्यूब ओव्यूल में चैलैजल एंड (chalazal end) से इंटर करता है।

 

द्विनिषेचन (Double Fertilization)

 

साइनरजिड सेल के साइटोप्लाज्म से दोनों मेल गेमिट रिलीज़ हो जाते हैं।

इनमें से एक मेल गेमिट अण्ड कोशिका या एग सेल के साथ फर्टिलाइज़ करता है, इस प्रक्रिया को सिंगैमि या जेनरेटिव फर्टिलाइज़ेशन (syngamy or generative fertilization) कहते हैं।

इस प्रक्रिया के बाद ज़ाइगोट बनता है, जोकि डिप्लाएड होता है।

जबकि दूसरा मेल गेमिट सेंट्रल सेल में मौजूद दो पोलर न्युक्लियस के साथ फर्टिलाइज़ करता है।

इस प्रोसेस को ट्रिपल फ्यूज़न या वेजिटेटिव फर्टिलाइज़ेशन (triple fusion or vegetative fertilization) कहते हैं।

एंजियोस्पर्म पौधों में सिंगैमि और ट्रिपल फ्यूज़न को सम्मिलित रूप (collectively) से डबल फर्टिलाइज़ेशन कहते हैं।

double ferilisation diagram in hindi

वेजिटेटिव फर्टिलाइज़ेशन से प्राइमरी एंडोस्पर्म न्यूक्लियस (primary endosperm nucleus-PEN) बनता है, जोकि ट्रिप्लाएड (triploid- three sets of chromosomes) होता है।

यही प्राइमरी एंडोस्पर्म न्यूक्लियस आगे चलकर एंडोस्पर्म (endosperm) को बनाता है, जोकि ज़ाइगोट (provide nutrition to zygote) को न्यूट्रीशन देता हैं।

ताकि ज़ाइगोट, एंब्रियो (embryo) में डिवेलप हो सके, इसलिए एंडोस्पर्म का बनना ज़ाइगोट के  डेवलपमेंट से पहले ही शुरू हो जाता है।

एंजियोस्पर्म पौधों में यह एक स्पेशल तरह का अडॉप्टेशन है।

डबल फर्टिलाइज़ेशन के बाद (Post Fertilization events)

डबल फर्टिलाइज़ेशन के बाद फूल का अधिकतर भाग मुरझा कर गिर (wither and shed) जाता है।

ज़ाइगोट एंब्रियो में डिवेलप हो जाता है।

प्राइमरी एंडोस्पर्म सेल (primary endosperm cell) एंडोस्पर्म बनाती है, जोकि डेवलपिंग एंब्रियो को न्यूट्रीशन देती है।

ओव्यूल सीड (seed) या बीज में बदल जाता है।

ओव्यूल का इंटीग्यूमेंट सीड कोट (seed coat) या बीज चोल में बदल जाता है।

ओवरी, फल (ovary into fruit) में बदल जाती है।

ओवरी की वाल, फ्रूट वाल या पेरीकार्प (fruit wall or pericarp) में बदल जाती है।

लेकिन कुछ फलों में, फूलों के कुछ भाग, डबल फर्टिलाइज़ेशन के बाद भी मौजूद होते हैं।

जैसे कि सेपल (sepals), टमाटर और बैंगन (Tomatoes & Brinjals) में डबल फर्टिलाइज़ेशन के बाद भी मौजूद होता है, जो हमें पत्तियों के समान हरे रंग (leaf like green in colour) का दिखाई देता है।

अंत में (Conclusion)

आज के इस पोस्ट में हम लोग ने डबल फर्टिलाइज़ेशन के बारे में समझा।

हमनें यह भी समझा कि आखिर दो बार फर्टिलाइज़ेशन या द्विनिषेचन पुष्पीय पौधों (flowering plants) में क्यों होता है, और यह क्यों ज़रूरी है।

उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा।

किसी भी तरह का कोई अपडेट या कोई भी गलती या मिस्टेक्स आपको मिलती है, तो कमेंट करके बताएं। हम उसे पोस्ट में जोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे।

अपना क़ीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।

आपकी ऑनलाइन जर्नी अच्छी गुज़रे।

धन्यवाद। Thanks।

 

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