what is biodiversity in hindi

जैव विविधता से आप क्या समझते हैं।जैव विविधता(Biodiversity) in Hindi

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जैव विविधता से आप क्या समझते हैं(Our Understanding)-

अरे दोस्तों यह कोई ऐसा विषय तो नहीं है जिस पर कोई बहुत बड़ा लेख लिखा जाए इस पर हज़ारों लेख लिखे गए हैं।

और दुनिया के सारे ही वैज्ञानिक चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैं की अगर हम जैव विविधता (Biodiversity) को और जो भी हमारे प्राकृतिक संसाधन(natural resources) है उनको नहीं बचा पाए तो हम भी नहीं बचेंगे।

यह सामान्य सी बात है कि अगर हम अपने जैव विविधता को नहीं बचा के नहीं रखेंगे तो हम हर चीज के लिए तरस जाएंगे और सिर्फ तरसेगें ही नहीं तड़प-तड़प के मर जाएंगे।

जैव विविधता से जुड़े कुछ सवाल(Some Questions)-

पर्यावरणविद्(Ecologist) और जीव वैज्ञानिक(Biologist) यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि इतनी अधिक प्रजातियों का पृथ्वी(earth) पर होने का क्या महत्व है?

इतने अधिक प्रकार की प्रजातियां पृथ्वी पर क्यों है?

क्या यह प्रजातियां धीरे-धीरे बनी? 

इन प्रजातियों से इंसानों को क्या फायदा है?

क्या पृथ्वी पर एक ही तरह की जैव विविधता पाई जाती है?

अगर हम ध्यान पूर्वक आंकड़ों का विश्लेषण करें तो हमें याद दिखेगा कि पृथ्वी पर जैव विविधता एक समान नहीं है।

वह सारे भाग जहां पर मानव के क्रियाकलाप कम हुए या ऐसे क्षेत्र जिनमें इंसानों की दखलअंदाजी कम हुई वह क्षेत्र ज्यादा जैव विविधता दिखाते हैं।

लेकिन वहीं दूसरी ओर ऐसे क्षेत्र जहां पर इंसानों ने प्रवेश किया और अपनी इच्छा से प्राकृतिक संधान संसाधनों का इस्तेमाल किया वहां पर जैव विविधता या तो खत्म हो रही है यह एकदम लुप्त(Extinct) हो चुकी है।

जैसे अगर हम विश्व में बात करें तो अमेज़न के वर्षा वनों(Amazon Rain Forest) में जैव विविधता सबसे अधिक पाई जाती है किंतु यहां पर भी बहुत ज्यादा बदलाव हो रहा है।

क्या है जैव विविधता(What is Biodiversity)?

पहले तो हमें यह समझना चाहिए कि जैव विविधता है क्या? इस शब्द का प्रयोग समाजवैज्ञानिक एडवर्ड विल्सन (SocioBiologist-Edward Wilson) ने किया था।

हम अपने चारों तरफ जितनी भी पेड़-पौधों और जंतुओं की प्रजातियां देख रहे हैं वह जैव विविधता है।

यहां तक की वह सूक्ष्मजीव (Micro-organisms such as Bacteria,Cyanobacteria,Mycoplasma & Protozoans etc.)जो हमें आंखों से नहीं दिखाई देते वह भी इसी का भाग है।

पूरी दुनिया में जितनी भी जीवित प्रजातियां पेड़ पौधों,जंतुओं और सूक्ष्मजीवों (Plants,Animals & Micro-organisms) की पाई जा रही हैं यह सभी मिलकर जैव विविधता बनाती हैं।

कितनी प्रजातियां पृथ्वी पर मौजूद हैं(How many Species Exist on Earth)?

आई.यू.सी.एन (IUCN-International Union for Conservation of Nature) 2004 के अनुसार पूरी दुनिया में अब तक जितनी भी जीव जातियां ढूंढी गई हैं और उनके बारे में लिखा गया है।

उनकी संख्या तक़रीबन 17 से 18 लाख(1.7-1.8 million species) है यह केवल पेड़ पौधों और जंतुओं(Plants & Animals) की प्रजातियों के बारे में।

जैसे केवल 20,000(Twenty Thousand) से ज़्यादा चीटियों(Ants species) की प्रजातियां हैं, इसी प्रकार से 300000(Three Lakhs) से अधिक बीटेल्स(Beetles species) की प्रजातियां हैं, 28 हज़ार(Twenty eight thousand) से अधिक मछलियों(Fishes) की प्रजातियां हैं, और लगभग 20000(Twenty thousand) और आर्चिड्स(Orchids plants) पौधों की प्रजातियां(Species) हैं।

a natural way of pollination of flower by animals

अगर सूक्ष्म जीवों की बात की जाए तो यह संख्या बहुत ज़्यादा हो सकती है लेकिन हम अभी केवल जंतुओं और पेड़ पौधों की बात कर रहे हैं।

लेकिन हमें यह नहीं पता अभी कितनी प्रजातियां को खोजा जाना बाकी है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार अभी भी 20 से 50 मिलियन(20-50 millions species) प्रजातियां ढूंढी जानी बची हैं।

वही रॉबर्ट मेय(Robert May) के अनुसार लगभग 7 मिलियन (Seven millions species)प्रजातियां पृथ्वी पर अभी खोजी जाना बाकी है।

जैव विविधता के प्रकार(Types of Biodiversity)

जैव विविधता को हम 3 प्रकार से विभाजित कर सकते हैं-

पहली जेनेटिक विविधता, दूसरी स्पीशीज़ और तीसरी इकोलॉजिकल विविधता।

पहली जेनेटिक विविधता(Genetic Diversity)-

किसी एक स्पीशीज़ में अगर हम देखे हैं तो उसके अनुवांशिक ढांचे में अपने ही प्रजातियां के विभिन्न जीवो में बदलाव मिलेगा।

जैसे अगर हम केवल चावल(Rice) की बात करें तो इसके लगभग 50,000 से अधिक उपजातियां(Varieties) और इसी प्रकार आम(Mango) की 1000 से अधिक उपजातियां दिखाई देंगी।

स्पीशीज़ विविधता(Species Diversity)-

इसी प्रकार से स्पीशीज़ विविधता के बारे में बात करें तो पश्चिमी घाट(Western Ghats) पर हमें उभयचरों(Amphibians) की अधिक जातियां दिखेंगी जबकि पूर्वी घाट(Eastern Ghats) पर यह कम हैं।

इकोलॉजिकल विविधता(Ecological Diversity)-

इकोलॉजिकल विविधता की बात करें तो रेगिस्तान में, वर्षा वनों में घास के मैदानों पर ऊंचे पहाड़ी पर्वतों पर यह अधिक होगी जैसे कि नार्वे जैसे देश में देखा जाए।

कौन सी प्रजातियां सबसे अधिक है(Which species rich in number)

70% से अधिक ढूंढी गई प्रजातियों में जंतु(Animals) आते हैं,जबकि पौधों(Plants) की सारी ही प्रजातियां 22% से अधिक नहीं है।

अगर जंतुओं में देखा जाए तो सबसे बड़ा वर्ग कीटों(Largest animal Class-Insecta & Largest Animal Phylum Arthropoda) का है,जोकि सारे ही जंतुओं का 70% भाग है।

अतः कह सकते हैं पृथ्वी पर हर 10 में से 7 (seven out of ten) प्रजातियां कीटों(Insects) की हैं। 

कहां प्रजातियां सबसे अधिक हैं(Biodiversity rich area)-

सबसे ज़्यादा जैव विविधता हमें अमेज़न के वर्षा वनों(Amazon Rain Forest) में मिलेगी जो कि दक्षिणी अमेरिका(South America) में स्थित है।

यहां पर 40,000 से अधिक पेड़ों(Plants Species) की प्रजातियां, 3000 से अधिक मछलियों(Fish) की प्रजातियां 1300 पक्षियों(Birds) की प्रजातियां, 427 स्तनधारियों(Mammals) की प्रजातियां, 427 उभयचरों(Amphibians) की प्रजातियां, 378 सरीसृपों(Reptiles) की प्रजातियां और, 125000 से अधिक अकशेरुकी प्राणियों की प्रजातियां।

वैज्ञानिकों का दावा है कि 2 मिलियन(20 millions) से अधिक प्रजातियां अभी भी इन वर्षा वनों में खोजी जानी बाकी है।

अधिक जैव विविधता के फायदे(Significance of Biodiversity)

अधिक जैव विविधता से पारिस्थितिकी तंत्र स्थाई होता है सूखा बाढ़ कमाते हैं मौसम में बहुत तेज बदलाव नहीं होता है और मानव को अपने जीने के लिए प्राकृतिक संसाधन आसानी से मिलते हैं।

अधिक जानकारी के लिए आप इस लेख को भी क्लिक करके पढ़ सकते हैं-

कि जैव विविधता या पारिस्थितिकी तंत्र कि क्या सेवाएं हैं(Ecological Services)?

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