क्यों मच्छर मनुष्य का ख़ून पीते हैं? Why Mosquito Suck Human Blood?
यह तो हम सभी जानते हैं कि मच्छरों द्वारा काटे जाने पर बहुत सी जानलेवा बीमारियां फैलती हैं।
क्योंकि मच्छर बहुत सारी बीमारियों के कारक को एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में पहुंचाते हैं।
जैसे कि डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, चिकनगुनिया(Dengue, Malaria, Chikungunya,Filaria & Yellow Fever) आदि बीमारी मच्छरों के काटने से ही फैलती है।
मच्छरों के काटने से सीधे तौर पर तो कोई बीमारी नहीं होती, लेकिन मच्छर बीमारी पैदा करने वाले रोगाणुओं (pathogens) के लिए वाहक(Vector) का कार्य करते हैं।
मच्छर हमें काटते ही क्यों है? Why mosquito bites
लेकिन मच्छर हमें काटते ही क्यों है सीधी सी बात है ख़ून पीने के लिए लेकिन क्यों? वजह जान कर आपको शायद हैरानी हो और क्या मच्छरों की सारी प्रजातियां ख़ून पीती हैं ।
क्या मच्छर हमेशा से इंसानों का ख़ून पीते आए हैं?
मच्छरों की अलग-अलग प्रजातियां (Species) पाई जाती हैं लेकिन सभी बीमारी (Disease) फैलाने का कार्य नहीं करती हैं।
मच्छरों की सभी प्रजातियां ( Species) इंसानों का ख़ून नहीं पीती बल्कि बहुत सी प्रजातियां फूलों का रस और पेड़ पौधों के दूसरे भागों से अपना भोजन प्राप्त करती हैं।
अधिकतर मादा मच्छर ही इंसानों का ख़ून पीती है क्योंकि इसे अपने अंडों (eggs) को विकसित करने के लिए पानी की या नमी की ज़रूरत होती है।
एक शोध (Rresearch) में यह पाया गया कि मच्छरों में ख़ून पीने की आदत प्रारंभ से नहीं थी यह धीरे-धीरे पानी की कमी होने पर शुरू हुई।
जिसमें हजारों लाखों साल लगे और मच्छरों ने अपने अंदर यह बदलाव धीरे-धीरे पैदा किया कि अगर पानी की कमी हो तो वह इस कमी को पूरा करने के लिए मनुष्य का ख़ून पीना शुरू कर दिया।
मच्छरों को प्रजनन (Breeding) के लिए और अपने अंडों (Eggs) को विकसित करने के लिए नमी की आवश्यकता होती है लेकिन ऐसे स्थान जहां पर पानी की कमी हो गई और सूखा हो गया।
तो मच्छरों ने इंसानों का ख़ून पीना शुरू किया ताकि नमी की कमी को पूरा किया जा सके और आसानी से प्रजनन किया जा सके।
मच्छरों के खून पीने पर शोध–
यह शोध अमेरिका (United State of America) के शहर न्यू जर्सी (New Jersey)में स्थित प्रिंसटन यूनिवर्सिटी (Princeton University) के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया।
इन्होंने अफ्रीका के एडीज़ इजिप्टी मच्छरों की विभिन्न प्रजातियां पर अपना अध्ययन किया जिनके कारण कई तरह की बीमारियां फैलती हैं जैसे डेंगू पीला बुख़ार और ज़िका वायरस (Yellow Fever, Dengue, Zika Virus).
अध्ययन (Study) के अनुसार मच्छरों ने इसलिए इंसानी खून पीना शुरू किया क्योंकि वह सूखे प्रदेश में रहते थे और पानी की कमी को पूरा करने के लिए मच्छरों ने इंसानों और दूसरे जानवरों का ख़ून पीना शुरू किया।
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की रिसर्चर नोआह रोज़ के अनुसार इस तरह का प्रयोग अभी तक मच्छरों के खानपान (Feeding Habits) को लेकर उनकी विभिन्न प्रजातियों पर किसी ने नहीं किया है।
इन्होंने अफ्रीका के सब सहारन क्षेत्र की 27 जगहों से एडीज़ इजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छरों के अंडे इक्कठे किए। उसके बाद मच्छरों को इन अंडों से निकलने दिया और फिर यह देखा कि यह किस प्रकार से इंसानों का ख़ून पीते हैं।
रिसर्च में यह पाया गया कि एडीज़ इजिप्टी मच्छरों (Aedes aegypti mosquito) की अलग-अलग प्रजातियों का खानपान बिल्कुल अलग था और सभी इंसानों का ख़ून नहीं पीते हैं।
इनमें से बहुत से ऐसी प्रजातियां (Species)निकली जो अपने भोजन के लिए के लिए अन्य चीजों पर गुजारा करते हैं जैसे कि फूलों का रस या पौधे के दूसरे भाग।
शोध (Research) के मुताबिक यह बात एकदम सिरे से खारिज हो गई कि सारे मच्छरों की प्रजातियां इन्सानों का ख़ून पीती हैं।
बल्कि जहां पर पानी की कमी हुई और इन्हें अपने प्रजनन के दौरान पानी की कमी पड़ी तो इन्होंने इंसानी ख़ून को पीना शुरू कर दिया।
इस बदलाव में हजारों साल लगे, एडीज़ इजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छरों ने इंसानी ख़ून पीना तब शुरू किया जब शहरों की आबादी बढ़ने लगी और पानी की कमी से यह मच्छर जूझने लगे।
अगर मच्छरों को पानी मिल जाए तो यह सामान्यतः इंसानों का ख़ून नहीं पीते जैसा कि हम एनोफिलीस मच्छर (Female Anopheles mosquito) जोकि मलेरिया बुखार (Malarial fever) फैलाता है के बारे में देखते हैं।
यह उन जगहों पर आसानी से प्रजनन करते हैं जहां पर पानी इकट्ठा होता है जैसे कि पुराने कूलर में, गमले में नालियों में या अन्य जगहों पर।
लेकिन जैसे इन्हें नमी की कमी महसूस होती है यह इंसानों या दूसरे जीवो के शरीर से ख़ून पीना शुरू कर देते हैं।
मच्छर जनित बीमारियां in Hindi।मलेरिया।डेंगू चिकनगुनिया।फाइलेरिया