लिंग निर्धारण in Hindi।Sex Determination in Human in Hindi।

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क्या है लिंग निर्धारण(What is Sex Determination)?

किसी भी जीव का लिंग निर्धारण हमेशा से वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली रहा बाद में सबसे पहले वैज्ञानिक हेनकिंग(Henking) ने फायर फ्लाई(Fire Fly) जो कि एक प्रकार का इंसेक्ट है में शुक्राणुजनन (Spermatogenesis) की प्रक्रिया का अध्ययन कर रहे थे।

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तो इन्होंने देखा कि 50% ऐसे शुक्राणु(Sperm) बन रहे हैं जिनके न्युकिल्यस(Nucleus) में एक विशेष संरचना दिखाई दे रही थी वहीं 50% शुक्राणुओं में यह संरचना अनुपस्थित है।

हेनकिंग(Henking) ने इस विशेष न्यूक्लियर मैटेरियल को एक्स(X) बॉडी नाम दिया लेकिन वह लिंग निर्धारण में इसका कोई सीधे तौर पर भूमिका नहीं बता सके।

स्टीवेन(Stevens) वाई (Y) बॉडी की खोज की।

बाद में एक्स(X) और वाई(Y) बॉडी को सेक्स क्रोमोसोम(Sex Chromosome) या एक्स और वाई क्रोमोसोम के नाम  दिया गया। यह देखा गया कि ये लिंग निर्धारण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

लिंग क्रोमोसोम और ऑटोसोम क्या होते है(Sex Chromosome & Autosome)-

मनुष्यों में क्रोमोसोम कुल 23 जोड़ी होते हैं और दो प्रकार के होते हैं पहले जिन्हें ऑटोसोम कहा जाता है और यह 22 जोड़ी होते हैं और दूसरे वह जिन्हें एलोसोम कहा जाता है एक जोड़ी होते हैं।

एलोसोम(Allosome )दरअसल सेक्स क्रोमोसोम(Sex Chromosome) होते हैं जो लिंग के निर्धारण में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

मनुष्यों में सेक्स क्रोमोसोम दो प्रकार के होते हैं पहला एक्स(X) और दूसरा वाई(Y)।ये जोड़ियों में होते हैं जैसे कि मादा(Female) में 2 एक्स (XX) क्रोमोसोम वही नर (Male) में एक एक्स और एक वाई (XY) क्रोमोसोम होता है।

ऑटोसोम क्रोमोसोम शरीर के दूसरे गुणों का निर्धारण करते हैं जब कि सेक्स क्रोमोसोम लिंग निर्धारण में भूमिका निभाते हैं।

हालांकि ऐसा बिल्कुल सही नहीं होगा की X और Y क्रोमोसोम में केवल लिंग निर्धारण करने वाले ही जीन ही उपस्थित होते हैं बल्कि इसके साथ अन्य प्रकार के जीन भी उपस्थित होते हैं।

जैसे कि बहुत सी बीमारियों के जीन एक्स(X) और वाई(Y) क्रोमोसोम पर भी पाए जाते हैं।

उदाहरण के तौर पर हीमोफीलिया(Hemophilia) और रतौंधी (Colour Blindness) के जीन भी एक्स(X) क्रोमोसोम पर ही उपस्थित होते हैं।

क्रोमोसोमल डिटरमिनेशन ऑफ सेक्स(Chromosomal Basis of Sex Determination)

यह चार प्रकार का हो सकता है जैसे-

1-XX XY प्रकार का (Types of sex determination)

2-XX X0 प्रकार का (Types of sex determination)

3-ZW ZZ प्रकार का (Types of sex determination)

4-Z0 ZZ प्रकार का (Types of sex determination)

types of sex determination

1-XX XY TYPE- 

इस प्रकार का सेक्स डिटरमिनेशन अधिकतर स्तनियों, मानव, ड्रोसोफिला और साथ ही बहुत से कीटों में पाए जाता है।

इसमें मादा में दो समान सेक्स क्रोमोसोम होते हैं वही नर में दो भिन्न प्रकार के सेक्स क्रोमोसोम होते हैं जिन्हें हम एक्स और वाई नाम देते हैं

एक्स क्रोमोसोम सामान्यता वाई क्रोमोसोम से बढ़ा होता है इस प्रकार से मादा(Female) जो भी युग्मक बनाएगी वह एक ही प्रकार के होंगे अतः मादा होमोगामेटिक(Homogametic) होती है

जबकि नर(Male) दो प्रकार का युग्मक बनाएगा आधे के अंदर एक्स क्रोमोसोम होगा और आधे के अंदर वाई क्रोमोसोम होगा इस प्रकार से नर हेटेरोगेमेटिक(Heterogametic) होता है।

आने वाली संतानों का लिंग नर या मादा होगा या निर्भर करेगा कौन सा स्पर्म अंडाणु साथ  निषेचन करता है।

sex determination in human beings

यदि वाई क्रोमोसोम वाला स्पर्म अंडाणु के साथ निषेचन करेगा तो संतान नर पैदा होगी और यदि एक्स कोमोसोम वाला स्पर्म अंडाणु के साथ निषेचन करेगा  संतान मादा पैदा होगी।

अतः हमारे समाज में यह पूरी तरह से गलत धारणा है की अगर लड़की पैदा होती है तो पूरा दोष माता को दिया जाता है जबकि हम देख रहे हैं कि यह निर्भर करता है कि कौन सा स्पर्म निषेचित करेगा अंडाणु को।

2-XX X0 लिंग निर्धारण

इस प्रकार का सेक्स डिटरमिनेशन राउंडवर्म और कुछ कीटों में पाया जाता है जैसे काकरोच ग्रासहॉपर और बग्स में इसमें मादा में दो एक्स क्रोमोसोम होता है।

जबकि नर में केवल एक ही एक्स क्रोमोसोम होता है दूसरा एक्स क्रोमोसोम अनुपस्थित होता है।

sex determination in round worms
sex determination in round worms

अतः नर दो प्रकार का स्पर्म बनाएगा आधे में एक्स क्रोमोसोम उपस्थित होगा वही दूसरे स्पर्म में एक्स क्रोमोसोम अनुपस्थित होगा अतः नर हेटरोगैमिटिक होगा।

तथा मादा के सभी अंडाणु  एक समान होंगे अतः मादा होमोगामेटिक होगी।

3-ZW ZZ लिंग निर्धारण

इस प्रकार का लिंग निर्धारण अधिकतर पक्षियों में और कुछ सरीसृप में पाया जाता है इसमें मादा हेटेरोगेमेटिक होगी अर्थात दो प्रकार के अंडाणु बनाएगी  आधे में Z क्रोमोसोम होगा और आधे में W क्रोमोसोम होगा।

वही नर होमोगामेटिक होगा क्योंकि उसके दोनों सेक्स क्रोमोसोम एक समान होंगे अतः जितने भी शुक्राणु(Sperm) बनेंगे सभी में Z क्रोमोसोम होगा।

इस प्रकार के लिंग निर्धारण को नीचे रेखा चित्र द्वारा दर्शाया गया है

sex determination in birds

4-Z0 ZZ लिंग निर्धारण

इस प्रकार का लिंग निर्धारण कुछ तितलियों (Butterflies) में, माथ (Moths) में, और कुछ कीटों(Insects) में पाया जाता है इसमें भी मादा हेटेरोगेमेटिक होती है जबकि नर होमोगामेटिक होता है।

मादा में केवल एक ही Z क्रोमोसोम होता है जबकि नर में दो Z क्रोमोसोम होते है।

अतः अंडाणु दो प्रकार के बनेंगे पहले वह जिनमें Z क्रोमोसोम होगा और दूसरे वह जिनमें Z क्रोमोसोम अनुपस्थित होगा।

जबकि स्पर्म या शुक्राणु सभी एक समान बनेंगे और सब में Z क्रोमोसोम होगा।

इस प्रकार के लिंग निर्धारण को नीचे रेखा चित्र द्वारा दर्शाया गया है।

sex determination in moth

वतावरणीय लिंग निर्धारण(Environmental basis of Sex Determination)

कुछ प्राणियों में लिंग निर्धारण वातावरण के प्रभाव पर तथा आसपास के परिवेश पर भी निर्भर करता है जैसे कि अगर क्रिपिढूला(Crepidula) को अकेले पाला जाए तो यहां मादा(Female) में बदल जाएगा।

इसी प्रकार से अगर क्रिपिढूला को मादाओं के साथ पाला जाए तो आगे चलकर यह नर (Male) में उत्पन्न हो जाएगा।

तापमान का लिंग निर्धारण पर प्रभाव (Effects of Temperature on Sex Determination) –

इसी प्रकार से क्रोकोडाइल(Crocodile) और कुछ छिपकलियों(Lizard) में तापमान  लिंग निर्धारण को  प्रभावित करता है।

जैसे कि अधिक तापमान में नर उत्पन्न होंगे और यदि तापमान कम हो जाए तो मादाएं उत्पन्न होगी जैसे कि कछुओं(Turtle) में अगर तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तापमान से कम हो तो नर उत्पन्न होते हैं।

वहीं अगर तापमान 33 डिग्री सेल्सियस( (temperature 33 degree Celsius) ) से ज्यादा हो तो मादाएं उत्पन्न होगी।

और यदि तापमान 28 से 33 डिग्री सेल्सियस (temperature 23-33 degree Celsius) हो तो दोनों नर और मादा एक समान रूप से उत्पन्न होंगे

 

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2 thoughts on “लिंग निर्धारण in Hindi।Sex Determination in Human in Hindi।”

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