टेरिडोफाइटा-Pteridophyta
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टेरिडोफाइट (Pteridophytes plants) प्लांट, सबसे पहले वैसकूलर प्लांट (first vascular & terrestrial plant) है, जो पृथ्वी पर पूरी तरह से टेरिस्ट्रयल ऐडॉप्टेशन के अनुरूप हुए।
इनको ट्रैकियोफाइटा ग्रुप (Tracheophyta) का सबसे पहला सदस्य मन जाता है ।
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जबकि इनके बाद जिम्नोस्पर्म और एनजीओस्पेर्म (gymnosperm & angiosperm plants) पौधों की बात होती है ।
इनको भी ट्रैकियोफाइटा ग्रुप में रखा गया है । टेरिडोफाइट प्लांट, बायोफाइट प्लांट और शैवाल (bryophyte and algae) से ज़्यादा विकसित पौधे होते है ।
और इनमे वैसकूलर बन्डल-ज़ाईलम और फ्लोएम (vascular bundles-xylem & phloem) पाया जाता है ।
नोट- वैसकूलर बन्डल केवल टेरिडोफाइट, जिमनोस्पर्म और एंजिओस्पर्म पेड़ो में पाया जाता है, इसलिए इनको एक अलग कैटेगरी जिसको ट्रैकियोफाइटा (tracheophyta) कहते हैं, उसमे रखा है।
जबकि एल्गी और बायोफाइटा (algae & bryophyta) में वैस्कुलर टिशु (ज़ाइलम और फ्लोएम) मौजूद नहीं होता है।
टेरिडोफाईट के पेड़ो में पूरी तरह से विकसित जड़, तना और पत्तियां (well developed true leaves, stem & roots) पाई जाती है।
टेरिडोफाईट की विशेषताएं-Characteristics of Pteridophytes
टेरिडोफाईट की विशेषताएं (Characteristics of Pteridophytes) टेरिडोफाईट पौधों की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं ।
1-इनकी मेन प्लांट बॉडी डिप्लाएड (diploid-2N sets of chromosomes) होती है |
2-इनके पुरे जीवनकाल में, स्पोरोफाईट स्टेज (sporophyte) डिप्लाएड व डॉमिनेंट अवस्था होती है, इनके पुरे जीवनकाल में ।
3-स्पोरोफाईट, फ्री लीविंग, टेरिस्ट्रीयल होता है और प्रकाश सश्लेषण (able to photosynthesis) करता है ।
4-स्पोरोफाईट प्लांट बॉडी मल्टीसेलुलर होती है, और मिआसिस (meiosis) सेल डिविजन के द्वारा हैप्लाइड स्पोर (haploid-1n number of chromosomes) बनाती है।
5-अधिकतर टेरिडोफाईट होमोस्पोरस होते है यह स्पोर (spores) एक प्रकार के हो सकते, मतलब कहने का यह की अधिकतर टेरिडोफाईट होमोस्पोरस होते है।
6-कुछ टेरिडोफाइट ऐसे हैं जो हेट्रोस्पोरस होते हैं, जैसे कि, सिलेजिनेला, सालवीनिया अदि, वह दो तरह के स्पोर बनाते है, छोटे स्पोर को माइकोस्पोर (microspore) और बड़े स्पोर को मेगास्पोर (megaspore) कहते है।
7-माइकोस्पोर आगे चलकर मेल गैमीटोफाईट (male gametophyte) बनाते है, और मेगास्पोर आगे चलकर फीमेल गैमीटोफाईट (female gametophyte) बनाते बनाते है ।
8-टेरिडोफाईट प्लांट बॉडी में जड़, तना और पत्तिया पाई जाती है| और सही प्रकार से विकसित होती है।
9-टेरिडोफाईट पृथ्वी पर मौजूद पहले ऐसे प्लांट है, जिनमे वैसकूलर टिशु – ज़ाईलम और फ्लोएम सबसे विकसित हुआ है।
10-इनकी लाइफ साइकिल पैटर्न हैप्लो-डिपलांटिक (haplo-diplontic) होता है।
11-इनमे लैंगिक और अलैंगिक दोनों तरह की प्रजनन प्रक्रिया (asexual & sexual reproduction) पाई जाती है।
12- इनमे फल, फूल और बीज विकसित नहीं होते है।
13-इनमे पत्तियों के सामान रचना पाई जाती है, जिनको स्पोरोफिल कहते है। इन स्पोरोफिल में स्पोरैनजिया मौजूद होता है।
14-स्पोरैनजिया में स्पोर बनते है, जो आगे चलकर गैमियेफाईट बनाते ह ।
15-टेरिडोफाईट का इस्तेमाल, सजापट मेडिसीन बनाने और मिट्टी के कटाव को रोकने में किया जाता है।
16-स्पोरोफिल एक कम्पैक्ट रचना बनाता है, जिसे स्ट्रोबिली या कोन कहते है।(सिलेजिनेला, एकवीसेरम में)
17-छोटी पत्तियों को माइक्रोफिल्स (सिलेजिनेला में) और बड़े आकार की पत्तियों का मैक्रोफिल्स कहते है (फ़र्न में )
टेरिडोफाईट का वर्गीकरण-Classification of Pteridophytes
टेरीडोफाईट का चार मुख्य क्लासेस बांटा गया है, जिनके नाम इस प्रकार है –
(1) ज़िलोपसीडा – जैसे ज़ाइलोटम
(2) लाईकोपसीडा – जैसे सिलेजिनेला, लाईकोपोडियम
(3) स्फोनोपसिडा – जैसे इकवीसेटम
(4) टेरोपसिडा – जैसे ड्रायोप्टेरिस, एडीअंटम
टेरीडोफाइटा में जनन की प्रक्रिया-Reproducation in Pteridophytes
मेन प्लान्ट बॉडी स्पोरोफाईट होती है, जो मिआसिस (meiosis) सेल डिवीज़न से हैपलाड स्पोर (haploid spores) का निर्माण स्पोरैन्जिया में करती है ।
यह स्पोर जरमिनेट करके छोटा मल्टीसेलुलर फ्री लीविंग फोटोसिन्थेटीक थैलाएड गैमीटोफाईट बनाते है।जिसे प्रोथेलेस (prothallus) कहा जाता है।
लेकिन यहाँ यह ध्यान देना ज़रूरी है, की फर्टीलिज़ेशन (fertilization) के लिए पानी की ज़रुरत होती है।
गैमीटोफाईट में मेल और फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन होते है । मेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को ऐन्थीरिडियम (antheridium) कहते है, और फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को आरचिगोनियम (archegonium) कहते है।
एन्थीरीडियम से मेल गैमीट जिसे एन्थोजाएड कहा जाता वह निकलता है, और पानी की सहायता से अर्चिगोनियम में पहुँचता है।
जहा पर यह फीमेल गैमीट मतलब एग सेल (female gamete or egg cell) को फर्टिलाइस करता है।
जिसके फलस्वरूप ज़ाइगोट बनता है, यह ज़ाइगोट माईटोसिस (mitosis) सेल डिवीज़न करके मल्टी सेलुलर स्पोरोफाइट (multicellular sporophyte) बनाता है।
यह फीमेल गैमीटोफाइट प्लांट, पैरेंट स्पोरोफाइट में ही अटैच होता है।
ज़ाइगोट का ऐंब्यो में विकास फीमेल गैमीटोफाइट प्लांट मे ही होता है।
टेरीडोफाइटा का आर्थिक महत्व-Economic role of Pteridophytes
टेरिडोफाईट का इस्तेमाल, सजावट में ,मेडिसीन बनाने और मिट्टी के कटाव को रोकने में किया जाता है।
अंत में-Conclusion
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