active and passive immunity in hindi

एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी हिंदी में|Active & Passive Immunity in Hindi

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एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी

 

एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी(Active and Passive Immunity)- इम्युनिटी हमारे शरीर की वह फिजियोलॉजिकल (immuno-physiogical) प्रक्रिया है|

जिसमे शरीर का इम्यून सिस्टम बाहरी बैक्टीरिया, वायरस या अन्य हानिकारक केमिकल्स (एंटीजन-antigen) को जो की बीमारी पैदा करते है, उनको नष्ट करता है|

साधारण शब्दों में अगर कहा जाए तो शरीर को बाहरी जर्म से बचाने की प्रक्रिया ही इम्युनिटी है | इसी तरह से बीमारी से प्रतिरोधकता (disease resistance) को भी इम्युनिटी कहते हैं|

Active & Passive Immunity in Hindi

अब हम एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी के कॉन्सेप्ट के बारे में विस्तार से समझेगें |

आप एंटीबाडी के बारे में अधिक जानकारी के लिए इसे भी पढ़ सकते हैं- एंटीबाडी क्या होते हैं?   

 

एक्टिव इम्युनिटी क्या होती है

एक्टिव इम्युनिटी क्या होती है? (Active Immunity) –जब कोई बीमारी पैदा करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य जर्म शरीर में प्रवेश करते हैं, तो शरीर उनके प्रति अक्रामक हो जाता है |

इस तरह के रिर्पोंस में शरीर ख़ुद ही एंटीबाडी या प्रतिरक्षी प्रोटोन का निर्माण शुरू कर देता है | जो प्रतिजन या एंटीजेन को नष्ट कर देते है |

हालांकि एक्टिव इम्युनिटी को दो तरह से समझा जा सकता है, पहले में एंटीबाडी नेचुरल तरीक़े से बॉडी में बनता है, इसे नेचुरल एक्टिव इम्युनिटी कहते हैं|

और दूसरी प्रक्रिया में आर्टिफीसियल तरीक़े से बॉडी को एंटीबाडी (Antibody) बनाने के लिए निर्देश दिया जाता है जिसे हम अर्टिफ़िशिअल एक्टिव इम्युनिटी  (artificial active immunity) कहते हैं|

इस तरह से एक्टिव इम्युनिटी को हम दो तरह से समझेगे-

1-नेचुरल एक्टिव इम्युनिटी

2-अर्टिफ़िशिअल एक्टिव इम्युनिटी

एक्टिव पैसिव इम्युनिटी हिंदी में

नेचुरल एक्टिव इम्युनिटी 

नेचुरल एक्टिव इम्युनिटी (Natural Active immunity)जब शरीर प्रतिजन या एंटीजन के रिस्पांस में ख़ुद ही एंटीबाडी या प्रतिरक्षी प्रोटीन का फार्मेशन शुरू कर देता है, तो इसे नेचुरल एक्टिव इम्युनिटी कहते हैं |

इस प्रक्रिया में हमारी बी-लिम्फोसाइट सेल (B Lymphocyte cell), किसी एंटीजन (antigen) के शरीर में प्रवेश होने पर एक्टिवेट हो जाती हैं ओर दो तरह की सेल में डेवेलप हो जाती है|

एक तो वो जिनको हम प्लाज्मा बी सेल या एफ्फेक्टर सेल कहते हैं, और दूसरी को जिनको मेमोरी बी सेल (memory B cell) कहा जाता है|

यह एंटीजन (Antigen) को याद (memorize) या इनके केमिकल नेचर (chemical nature) को याद कर लेती है |

और अगर भविष्य (future) में फिर से यही एंटीजन (antigen) फिर से शरीर में प्रवेश करता है, तो इस बार यह

तेजी के साथ एंटीबाडी (antibody) बनाकर उन्हें खत्म कर देती है |

 

अर्टिफ़िशिअल एक्टिव इम्युनिटी 

अर्टिफ़िशिअल एक्टिव इम्युनिटी (Artificial Active Immunity)-इस प्रक्रिया में किसी बीमारी से बचने के लिए शरीर में Vaccination के द्वारा Immunization कराया जाता हैं, ताकि एंटीबाडी (Antibody) पहले से ही बन जाए और ज़रूरत पढ़ने पर Booster dose भी लगाया जा सकता है |

दुनिया में बच्चो का टीकाकरण (child Vaccination) इसी सिद्धान्त पर कार्य करता है |

Artificial active Immunity और Natural Active Immunity में बस इतना ही अन्तर होता है, कि एक शरीर स्वयं Antibody बनता है|

और दूसरे में शरीर के Immune System को एंटीजन (एंटीजन) कि मदद से उत्तेजित (stimulate) किया जाता है, एंटीबाडी (Antibody) बनने के लिए |

इस तरह से दोनों ही कंडीशन (condition) में एंटीबाडी नेचुरल तरीके से शरीर द्वारा ख़ुद ही बनाए जाते है |

 

पैसिव इम्युनिटी क्या होती है?

 

पैसिव इम्युनिटी क्या होती है? (Passive Immunity)-इस तरह की इम्युनिटी (Immunity) में शरीर ख़ुद ही एंटीबाडी (Antibody) या प्रतिरक्षी प्रोटीन नहीं बनता बल्कि, उसे बने बनाये एंटीबाडी (Antibody) बाहर से मिलते हैं |

पैसिव इम्युनिटी Passive Immunity को भी दो तरह से समझा जा सकता है –

1- नेचुरल पैसिव इम्युनिटी-Natural Passive Immunity

2- अर्टिफ़िशिअल पैसिव इम्युनिटी-Artificial Passive Immunity

 

नेचुरल पैसिव इम्युनिटी 

नेचुरल पैसिव इम्युनिटी (Natural Passive Immunity)-वह इम्युनिटी (Immunity) जिसमें शरीर को रेडीमेड (ready made) या बने बनाए एंटीबाडी (Antibody) मिलते हैं, मतलब कहने का यह है कि, एंटीबाडी (Antibody) शरीर के द्वारा नैचुरली (Naturally) नहीं बनाये जाते हैं |

इसको इस उदाहरण से समझ सकते हैं-

ह्यूमन में एम्ब्रियोनिक विकास (Embryonic Development) के दौरान एम्ब्र्यो (embryo) का शरीर इतना विकसित (mature) नहीँ होता के वह एंटीबाडी (Antibody) ख़ुद ही बना ले इसलिए उसे बने बनाए एंटीबाडी (Antibody) माता (mother) के शरीर से प्लेसेंटा (placenta) के द्वारा विकसित होते हुए एम्ब्र्यो को मिलते है |

इस तरह से अगर हम देखें तो चाइल्डबर्थ (Child Birth) या शिशु के जन्म के बाद भी उसे माता से एंटीबाडी (Antibody) उसके दूध के द्वारा शुरुवाती स्तनपान (breast feeding) में समय मिलते हैं |

 

अर्टिफ़िशिअल पैसिव इम्युनिटी

अर्टिफ़िशिअल पैसिव इम्युनिटी (Artificial Passive Immunity)-इस प्रक्रिया में भी बने बनाये ही Antibody शरीर को लगाये जाते है, लेकिन यह एंटीबाडी  (Antibody) किसी और एनिमल (Anima)l के शरीर में Immunization के द्वारा बनाए जाते है, और इन्सानी शरीर में ज़रूरत के अनुसार लगाए जाते हैं |

जैसे कि एंटी टिटनेस (Anti-tennus Serum) जो Tetanus की बीमारी से बचने के लिए दिया जाता है, और  इसी तरह से एंटी वेनम (Antivenom) जो साँप के काटने (Snake bite) पर दिया जाता है |

इस तरह से इन दोनों ही अवस्था में बने बनाये एंटीबाडी (Antibody) शरीर को मिलते है |

लेकिन सबसे ज़रूरी बात यहाँ समझने कीयहहै कि इन एंटीबाडी (Antibody) का फार्मेशन ह्यूमन बॉडी में न होकर किसी और जंतु (Animal) में शरीर से होता है, क्योंकि मानव शरीर हर प्रकार के एंटीजन (Antigen) के प्रति एंटीबाडी (Antibody) बनाने में सफल नहीं हुआ है |

एंटीजन क्या होता है?

एंटीजन क्या होता है?(What is Antigen)-वो कोई भी फैक्टर या केमिकल जो हमारे शरीर (body) में एंटीबाडी के बनने को stimulate करता है एंटीजन कहलाता है|

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अंत में

आज के पोस्ट में हमने एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी (active and passive immunity) से जुड़े निम्नलिखित सवालों को समझा जैसे कि-

एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी क्या है?
एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी कितने प्रकार की होती है?

एक्टिव और पैसिव इम्युनिटी क्या अंतर है?

फिर भी किसी भी प्रकार का कोई सुझाव या अपडेट और यदि कोई मिस्टेक आपको दिखाई देती है, तो आप हमें ज़रूर बताएं।

हम आपके सुझाव को या किसी मिस्टेक, जोकि पोस्ट में यदि कहीं पर हुई है, तो उसे अपडेट करने की पूरी कोशिश करेंगे।

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