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विश्व लायन डे 10 अगस्त 2023। World Lion Day in Hindi

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शेरों के बारे में 10 रोचक जानकारियां

1. शेर आकार में दूसरे स्थान पर हैं: tiger के बाद, शेर दूसरी सबसे बड़ी बिल्लियाँ हैं। adult male शेरों का वजन 550 पाउंड तक हो सकता है, जबकि female lioness का वजन आम तौर पर 265 से 400 पाउंड तक होता है।
2. मने: एक नर विशेषता: male शेरों के सिर और गर्दन को घेरने वाले बालों की एक अलग मने (tufts of hairs) होती है।
3. प्राइड्स में शेर: विशिष्ट रूप से, शेर प्राइड्स नामक सामाजिक समूहों में रहने वाली एकमात्र बिल्लियाँ हैं। इन प्राइडों में आम तौर पर संबंधित मादाएं, उनके शावक और कुछ वयस्क नर शामिल होते हैं।
4. शीर्ष शिकारी: top शिकारी के रूप में, शेर food chain के शीर्ष पर खड़े होते हैं। उनके food में ज़ेबरा, जंगली जानवर और antelope जैसे बड़े शिकार शामिल हैं।
5. दहाड़ जो गूंजती है: शेर अपनी शानदार दहाड़ के लिए प्रसिद्ध हैं, जो 5 मील तक सुनाई देती है।
6. सामाजिक बंधन: शेर अपने गौरव के भीतर मजबूत बंधन प्रदर्शित करते हैं। संवारना, खेलना और community rest करना इन रिश्तों को बढ़ावा देने के सामान्य तरीके हैं।
7. शेरनी की मातृ भूमिका: शावकों-cubs के पालन-पोषण में शेरनी की प्राथमिक भूमिका (primary role) होती है। नर्सिंग 6 महीने तक चल सकती है, इस दौरान वे शिकार और जीवित रहने के कौशल भी प्रदान करती हैं।
8. खतरे: निवास स्थान का नुकसान, मानव-वन्यजीव संघर्ष, और खतरे में पड़ने वाले शेरों का अवैध शिकार। उनकी आबादी में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है, जिससे उन्हें IUCN रेड लिस्ट में असुरक्षित के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
9. इकोसिस्टम इम्पोर्टेंस: शेर अन्य जानवरों की आबादी को नियंत्रित करके पारिस्थितिक तंत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके अतिरिक्त, वे कई देशों के लिए पर्यटन राजस्व उत्पन्न करते हैं।
10. सांस्कृतिक प्रतीकवाद: शेरों का सदियों से कला-arts, साहित्य-culture और पौराणिक कथाओं-mythology में केंद्रीय स्थान रहा है। वे शक्ति और साहस, जैसे characters का प्रतीक हैं।

लोगों को शेरों और उनके संरक्षण के बारे में aware और educate करने के लिए हर साल 10 अगस्त को ‘विश्व शेर दिवस’ मनाया जाता है।

विश्व शेर दिवस-World Lion Day 2023 

विश्व शेर दिवस का उद्देश्य शेरों के बारे में awareness फैलाना और उनके संरक्षण के लिए प्रयास करना है, साथ ही सभी लोगों को “उनके natural habitat में शेरों के महत्व” के बारे में aware करना है।
1890 के दशक के अंत तक, एशियाई शेर की सीमा भारत के गुजरात के गिर वन क्षेत्र तक ही सीमित थी। राज्य एवं केन्द्र सरकार के सतत प्रयासों से एशियाई शेरों की जनसंख्या वर्ष 2015 में 523 से बढ़कर वर्ष 2023 में 674 हो गयी।
शेरों के संरक्षण की पहल वर्ष 2013 में शुरू हुई और उसी वर्ष पहला ‘विश्व शेर दिवस’ (world lion day-10 August) भी आयोजित किया गया।
वैज्ञानिक नाम: पेंथेरा लियो
शेर को दो उप-प्रजातियों में डिवाइड किया गया है: अफ्रीकी शेर (Panthera lio-पैंथरा लियो लियो) और एशियाई शेर (पैंथरा लियो पर्सिका)।
एशियाई शेर अफ़्रीकी शेरों से छोटे होते हैं।
एशियाई शेरों में पाई जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण रूपात्मक विशेषता यह है कि उनके पेट की त्वचा पर विशिष्ट ऊर्ध्वाधर सिलवटें होती हैं। अफ्रीकी शेरों में यह विशेषता काफी rare है।

इकोसिस्टम में शेरों की भूमिका-Role of Lion in Ecosystem

शेर वन पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, food chain के top शिकारी होने के नाते, grazers की आबादी को नियंत्रित करके ecosystem balance बनाए रखने में मदद करते हैं।
शेर अपने शिकार की आबादी को स्वस्थ और लचीला बनाए रखने में भी योगदान देते हैं, क्योंकि वे झुंड के सबसे कमजोर members को निशाना बनाते हैं। इस प्रकार indirectly शिकार वाली आबादी में रोग नियंत्रण में मदद मिलती है।
IUCN लाल सूची: वल्नरेबल
वर्ष 2023 के आंकड़ों के अनुसार भारत में शेरों की संख्या 674 है, जिनकी संख्या वर्ष 1990 में 284 थी।

प्रोजेक्ट लायन:Project Lion

भारत सरकार की एक पहल, जिसका उद्देश्य एशियाई शेर प्रजातियों की सुरक्षा करना है।
15 अगस्त, 2020 को 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण किया गया, यह प्रयास पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के दायरे में आता है। सफल प्रोजेक्ट टाइगर से प्रेरणा लेते हुए, प्रोजेक्ट लायन इसकी रूपरेखा को प्रतिबिंबित करता है।
एशियाटिक लायन प्रोजेक्ट-Asiatic lion project
एशियाई शेर संरक्षण परियोजना भारत के भीतर एक सरकारी प्रयास के रूप में है, जिसका उद्देश्य एशियाई शेर प्रजातियों को संरक्षित करना है। 15 अगस्त, 2020 को 74वें स्वतंत्रता दिवस उत्सव के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण किया गया, यह पहल पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आती है, जो प्रोजेक्ट टाइगर के ब्लूप्रिंट से प्रेरणा लेती है।

वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972-Wild protection Act 1972
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 भारतीय संसद द्वारा बनाया गया एक महत्वपूर्ण अधिनियम है जिसका उद्देश्य विविध वनस्पतियों और जीवों की सुरक्षा करना है। यह वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भारत के प्रयासों की आधारशिला का प्रतिनिधित्व करता है।
यह अधिनियम राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों और प्राणी उद्यानों को शामिल करते हुए संरक्षित क्षेत्रों के एक नेटवर्क की नींव भी रखता है।
वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट  के main points-
– आत्मरक्षा या वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विशिष्ट मामलों को छोड़कर, जंगली जानवरों के शिकार पर प्रतिबंध।
– वैध लाइसेंस के बिना जंगली जानवरों और उनके व्युत्पन्न पदार्थों के व्यापार पर प्रतिबंध।
– राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य और प्राणी उद्यान जैसे सुरक्षित क्षेत्रों के नेटवर्क की स्थापना।
– वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो का निर्माण, जिसका कार्य वन्यजीवों से संबंधित अपराधों की जांच करना और उन पर मुकदमा चलाना है।

वन्यजीव संरक्षण की मुख्य चुनौतियाँ:Main Challenges of Wildlife Conservation
1. आवास हानि: भारत की मानव आबादी के तेजी से विस्तार के कारण प्राकृतिक आवासों में गिरावट आई है, जिससे वन्यजीवों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा हो गया है।
2. अवैध शिकार: मांस, फर या अन्य भागों के लिए जंगली जानवरों का अवैध रूप से शिकार करना एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है, विशेष रूप से दुर्लभ प्रजातियों को खतरे में डालना।
3. अवैध वन्यजीव व्यापार: हाथी दांत, गैंडे के सींग और बाघ की खाल जैसे वन्यजीव उत्पादों का अवैध व्यापार वैश्विक मांग से बढ़ रहा है और एक बड़ी चुनौती है।
4. मानव-वन्यजीव संघर्ष: मनुष्यों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की घटनाएं, जो अक्सर संसाधनों पर प्रतिस्पर्धा से उत्पन्न होती हैं, दोनों पक्षों के हताहत होने की संभावना होती है।
ये चुनौतियाँ सामूहिक रूप से बहुआयामी मुद्दों को संबोधित करने और भारत के विविध वन्य जीवन के स्थायी अस्तित्व को सुनिश्चित करने की तात्कालिकता को रेखांकित करती हैं।

जंगल में शेरों की वर्तमान संख्या-Current Population of Lions

जंगल में शेरों की कर्रेंट आबादी लगभग 20,000 होने का अनुमान है। हाल के सालों में इनके हैबिटैट की हानि, अवैध शिकार और इंसानों के साथ शेरों का संघर्ष सहित कई ऐसे फैक्केटर्स जिसके कारण शेरों की संख्या घट रही है।
ज़्यदातर शेर (लगभग 19,000) अफ्रीका में पाए जाते हैं, शेष 1,000 भारत में रहते हैं। अफ्रीकी शेरों की आबादी दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में केंद्रित है, जिनमें सबसे बड़ी आबादी तंजानिया, केन्या और दक्षिण अफ्रीका में पाई जाती है। भारतीय शेरों की आबादी गुजरात के गिर नेशनल फारेस्ट में पाई जाती है।

अंत में-Conclusion

हमनें शेरों से सम्बंधित सभी पॉइंट को कवर करने का प्रयास किया है, और अंत में ज़रूरी सवालों को भी साझा किया है।

लेकिन फिर भी किसी भी प्रकार का कोई सुझाव या अपडेट और यदि कोई मिस्टेक आपको दिखाई देती है तो आप हमें ज़रूर बताएं।

हम आपके सुझाव को या किसी मिस्टेक, जोकि पोस्ट में यदि कहीं पर हुई है, तो उसे अपडेट करने की पूरी कोशिश करेंगे।

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।

आप की ऑनलाइन यात्रा मंगलमय हो।।

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