बारिश का मौसम और बीमारियां-(Rainy Season & Diseases)
बारिश के मौसम में कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं इनमें मच्छर(Mosquitoes) द्वारा जनित बीमारियां अक्सर जानलेवा साबित हो सकती हैं।
वैसे भी कोरोना(Covid-19) के साथ-साथ इस तरह की मच्छर जनित बीमारियों से जागरूकता और बचाव दोनों ही ज़रूरी है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि बारिश के मौसम में कई तरह की बीमारियां पनपती हैं।
क्योंकि बारिश के मौसम में गंदा पानी और गंदगी अक्सर घरों में या आसपास के इलाकों में हो जाती है।
जिससे मच्छरों के पनपने का बेहतर माहौल मिलता है और यही कारण होता है मच्छर जनित बीमारियों का।
इन बीमारियों का ख़तरा तब और बढ़ जाता है जब व्यक्ति पहले से किसी बीमारी से परेशान चल रहा है।
जैसे कि यदि उसे टीबी,एड्स या कोई और बीमारी के कारण उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो जाती है तब संक्रमण का ख़तरा और बढ़ जाता है।
क्यों मादा मच्छर ही ज़िम्मेदार होती हैं बीमारी फैलाने में? Why Female Mosquito is Responsible?
ज्यादातर मच्छर जनित बीमारियों के लिए मादा मच्छर ही ज़िम्मेदार होती हैं क्योंकि इनका मुख वाला भाग (Mouth parts) इस प्रकार से बना होता है की आसानी से रक्त को मनुष्यों या पशुओं से चूस सकें।
मादा मच्छर इस रक्त का इस्तेमाल प्रोटीन के लिए करती हैं जो उनके अंडों को विकसित करने में मदद करता है। साथ ही नमी प्रजनन करने में मदद करती है क्योंकि शुरुआती समय में मच्छर इंसानों का खून नहीं पीते थे।
लेकिन जब पानी की कमी हुई या मौसम गर्म होने पर अगर पानी की कमी हुई तो इन्होंने मनुष्य और अन्य जंतुओं का खून पीना शुरू कर दिया यह बदलाव आने में हजारों वर्ष लगे।
मच्छर जनित बीमारियां-Common Mosquito Borne Diseases
आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में मच्छरों द्वारा कौन-कौन सी बीमारियां फैलती होती हैं और वह हमारे लिए कितनी घातक हो सकती हैं।
मच्छर द्वारा फैलने वाली बीमारियों में मुख्यता मलेरिया चिकनगुनिया डेंगू इत्यादि हैं।
यह सभी अधिकतर मच्छरों के काटने से फैलती है।
मलेरिया-Malarial Fever
मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारियों में सबसे ज्यादा घातक मलेरिया है। यह बीमारी प्रोटोज़ोवन पैरासाइट प्लाज्मोडियम(malarial parasite) की वजह से होती है।
इसे फैलाने का काम मादा एनोफिलीस मच्छर(Female Anopheles Mosquito) द्वारा होता है जोकि प्लाज्मोडियम(Plasmodium) के लिए का वेक्टर(Vector) का कार्य करता है।
जब मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो यह प्लाज्मोडियम मच्छर के शरीर से व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है और मलेरिया बुखार उत्पन्न करता है।
विश्व मच्छर दिवस (20 अगस्त)-World Mosquito Day
इसका पता सर्वप्रथम 20 अगस्त 1896 में ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रास(Sir Ronald Rass) ने लगाया था, कि मलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है।
इसी कारण से 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
गंदे पानी का इकट्ठा होना इन मच्छरों की प्रजनन के लिए उपयुक्त जगह है।
मलेरिया बुखार के प्रमुख लक्षण-Symptoms of Malarial Fever
1-ठंड के साथ तेज़ बुखार आना।
2-उल्टी आना और ज़ुकाम होना।
3-शरीर में शर्करा का स्तर तेज़ी से गिर जाता है।
4-कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति कमज़ोरी के कारण बेहोश तक हो जाता है।
5-कँपकँपी के साथ तेज़ बुखार और फिर बुखार कम होने पर पसीने का आना।
6-सिर चकराना व घबराहट होना इत्यादि मलेरिया बुखार के लक्षण हैं।
डेंगू बुखार-Dengue Fever
यह भी मच्छर के काटने से फैलता है इस बीमारी का मुख्य कारण फ्लेवी राइबो वायरस है।
यह वायरस एडीज़ इजिप्टी मच्छर के दिन में काटने के कारण होता है यह मच्छर साफ पानी में प्रजनन करता है।
डेंगू बुखार के लक्षण-Symptoms of Dengue
1-बुखार का तेज़ी से बढ़ना
2-सर में तेज़ दर्द होना
3- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना
4-भूख न लगना
5-जी मिचलाना और उल्टी होना
6-नाक और मुंह से खून आना
7-पेट में तेज़ और लगातार दर्द होना
चिकनगुनिया बुखार-Chikungunya Fever
यह बीमारी चिकनगुनिया वायरस(Chikungunya Virus) के कारण होती है यह भी एडीज़ इजिप्टी(Aedes aegypti) मच्छर द्वारा काटने से फैलता है।
चिकनगुनिया के लक्षण-Symptoms of Chikungunya
1-अचानक से बुखार का आना
2-जोड़ों में दर्द होना
3-कभी-कभी खून का आ जाना
फाइलेरिया या हाथी पांव रोग-Filariasis or Elephantiasis
यह बीमारी फाइलेरिया वार्म या क्रीमी (Filarial Worm)के वजह से होती है जिसको मादा क्युलेक्स मच्छर(Female Culex ) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाता है।
फाइलेरिया के लक्षण-Symptoms of Filaria
हाथी के समान पैरों(अधिकतर) में अथवा हाथों में सूजन आ जाना इसी वजह से इस रोग हाथी पांव रोग कहते हैं।
मच्छरों से बचने के उपाय-How to Prevent from Mosquito?
a-घर के आसपास की नालियों को खुला न रखें
b-समय-समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करवाएं
c-पूरी आस्तीन के कपड़े पहने जहां तक हो सके सोते समय शरीर ढक कर सोए हैं
d-मच्छरदानी का प्रयोग करें
e-सोते समय सरसों का तेल या अन्य मेडिकेटेड ऑयल जेल जैसे ओडोमास का भी प्रयोग कर सकते हैं
f-नीम और कपूर के पेड़ आसपास लगाएं
g-पानी को इकट्ठा ना होने दें
h-अगर पानी इकट्ठा है तो उस पर ऑयल का स्प्रे करें ताकि मच्छर के लारवा नष्ट हो जाएं
i-दरवाजे और खिड़कियों में जाली लगवाएं
आशा है आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा।
आप की ऑनलाइन यात्रा मंगलमय हो।
अपना मूल्यवान समय देने के लिए आपका बहुत..
धन्यवाद।। Thanks!!
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