साबुन और हैंड सैनिटाइज़र किस तरह से इन्फेक्शन से बचाते हैं?
और साबुन और हैंड सैनिटाइज़र में ऐसा क्या होता है? जो रोग पैदा करने वाले सूक्ष्म जीवों को नष्ट करता है।
साबुन और सैनिटाइज़र किस तरह से बैक्टीरिया वायरस को नष्ट करते हैं?
कोरोना वायरस इंफेक्शन के बाद पूरी दुनिया में हैंड सैनिटाइज़र से हाथ साफ करना और साबुन से बार-बार हाथ धोने का चलन आम हो गया है।
लेकिन आखिर कैसे हैंड सैनिटाइज़र या साबुन हमें वायरस और बैक्टीरिया के इंफेक्शन से बचाते हैं? चलिए इसको समझने का प्रयास करते हैं।
साबुन और सैनिटाइज़र में कौन से केमिकल होते हैं (Chemicals present in soap and sanitizers)?
साबुन में ग्लिसरीन (glycerine containing soap) और अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र (alcohol based sanitizer) में अधिकतर अल्कोहल मौजूद होता है, जो बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट कर देता है।
बैक्टीरिया और वायरस की रचना कैसी होती है(general structure of bacteria and virus)?
बैक्टीरिया और वायरस में अंतर होता है बैक्टीरिया एक कोशिकीय सूक्ष्मजीव है जबकि वायरस अकोशिकीय निर्जीव और सजीव (non-cellular and connecting link between living & non living) के बीच की कड़ी है।
वायरस किसी भी सजीव (living beings) के संपर्क में आने के बाद वृद्धि करना शुरू कर देता है और इंफेक्शन पैदा करता है। वायरस का इन्फेक्शस भाग उसका जेनटिक मटेरियल (डीएनए या आरएनए) होता है
वायरस और बैक्टीरिया के अंदर जो प्रोटीन का आवरण (protein layers) होता है वह अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र और साबुन के संपर्क में आने के बाद वह नष्ट (break the protein layers) हो जाता है जिससे वायरस और बैक्टीरिया वृद्धि(bacteria and virus growth inhibited) नहीं कर पाते और हम इंफेक्शन से बच जाते हैं।
हैंड सैनिटाइज़र और साबुन का असर सूक्ष्मजीवों के डीएनए और आरएनए (RNA and DNA) पर भी होता है इसके साथ ही सैनिटाइज़र और साबुन में मौजूद केमिकल इन सूक्ष्मजीवों की मेटाबोलिक रिएक्शंस (metabolic reactions) पर अपना प्रभाव डालते है
अतः किसी न किसी तरह से इन की ग्रोथ को (inhibit the growth) रोकते है
क्या हाथ धोने से 40 परसेंट तक घट सकता है वायरस का इंफेक्शन?
हाथ धोने से अधिकतर बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों (disease causing microbes) जैसे कि वायरस, बैक्टीरिया से होने वाले इन्फेक्शन के ख़तरे को 30 से 40% तक कम किया जा सकता है।
बहुत से रिसर्च में यह बात सामने आई है कि हाथ साफ करते रहने से कोरोना वायरस (corona virus) का बहुत ज़्यादा इन्फेक्शन का ख़तरा भी 30 से 40% तक कम किया जा सकता है।
ऐसे व्यक्ति जिनकी रोगों से लड़ने की ताक़त कम होती है, उनमें भी इन्फेक्शन का ख़तरा हाथों को रेगुलर साफ़ करने से 60% तक कम हो सकता है।
वही सर्दी, खांसी और ज़ुकाम (cough, cold and sneezing) जैसी इनफेक्शियस (communicable diseases) बीमारियों के मामले में इन्फेक्शन 21 से 60% तक कम हो सकता है।
श्वसन संबंधित (lungs related or respiratory related diseases) व लीवर से संबंधित (hepatitis- हेपेटाइटिस) गंभीर बीमारियों में भी 35 से 40% तक इन्फेक्शन हाथ को सिर्फ साफ रखने से कम हो जाता है।
किस तरह का साबुन ज़्यादा अच्छा होता है?
हाथ धुलने के लिए हम लोग सामान्यता बट्टी वाले साबुन (soap bar) का इस्तेमाल करते हैं हालांकि यह सस्ता होता है।
लेकिन अगर हम लिक्विड साबुन का इस्तेमाल करें तो यह ज़्यादा बेहतर होगा क्योंकि बट्टी वाले साबुन (ordinary bar soap) से इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा रहता है जबकि लिक्विड सोप (liquid soap) में ऐसा नहीं होता।
हाथ की सही प्रकार से सफाई कैसे करें (how to clean hands)?
हाथ धोने का तरीक़ा तो सभी को पता होता है, लेकिन फिर भी हम लोग यहां पर एक सामान्य नागरिक के तौर पर समझ लेते हैं की एक सही और वैज्ञानिक विधि हाथ धोने की क्या है? जिससे इंफेक्शन के ख़तरे को जितना सके कम किया जा सके।
हाथ धोते वक़्त सबसे पहले उसे पूरी तरह से पानी से भिगो लें फिर अच्छे से साबुन लगाएं।
दोनों हथेलियों को आपस में सही तरह रगड़े, उसके बाद बाएं हाथ से दाएं हाथ, और दाएं हाथ से बाएं हाथ के उपरी हिस्सों को अच्छी तरह से साबुन लगाएं।
इसके बाद उंगलियों को आपस में फंसाकर रगड़ते (hand rubbing) हुए साफ करें।
दोनों हाथ की उंगलियों को एक दूसरे की गद्दी पर रखते हुए घुमाए और साफ करें
और आख़िर में हाथ को पानी से अच्छी तरह साफ कर लें।
हाथ की सफ़ाई कब ज़रूरी है (when hands cleaning are so important)?
सभी को पता होता है हाथ धोना कब ज़रूरी है, लेकिन बहुत सारे लोग शायद इस पर बहुत ज़्यादा ध्यान नहीं देते।
यहां हाथ धुलने मतलब यह नहीं है कि केवल पानी से हाथ धोने से है, जहां तक संभव हो हाथ धुलने के लिए साबुन का (ordinary soap) या लिक्विड साबुन (liquid soap) का इस्तेमाल करें।
महिलाओं को ख़ास करके, खाना बनाने से पहले और खाना बनाने (before and after food cooking) के बाद
खाना खाने से पहले उसके खाना खाने बाद
छोटे और नवजात बच्चों (child and newborn baby) के संपर्क में आने से पहले
छोटे और नवजात बच्चों खिलाने-पिलाने से पहले और उसके बाद
शौच के बाद (after toilet) विशेष रुप से हाथ को होना बहुत जरूरी है क्योंकि यहीं से सबसे ज्यादा इंफेक्शन (infection) का ख़तरा बना रहता है।
अगर घर में पालतू जानवर पले (pet animals) हैं, तो पालतू जानवरों को छूने के बाद और उनके किसी भी तरह के संपर्क में आने के बाद।
और किसी भी तरह की साफ सफाई चाहे वह गार्डनिंग (gardening) हो, घर की सफाई हो, किचन की सफाई हो आदि।
इन सभी कामों के बाद हाथ को सही प्रकार से साबुन से धोना चाहिए।
हाथ धोने के लिए हर साल ग्लोबल हैंडवाशिंग डे मनाया जाता है।
कब मनाया जाता है ग्लोबल हैंड वाशिंग डे?(World hand washing day)
सबसे पहले 15 अक्टूबर 2008 को पहली बार ग्लोबल हैंडवाशिंग डे मनाया गया था।
इस बार (2021) की थीम “अपना भविष्य अपने हाथों में है”
अंत में(Conclusion)
इस ब्लॉग में हमने यह समझा कि अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर (alcohol based hand sanitizers) और साबुन (soap) किस तरह से रोगाणुओं (germs) को खत्म करते हैं।
इस ब्लॉग के संबंध में आपकी किसी भी राय और सुझाव का स्वागत रहेगा।
अपना क़ीमती समय देने के लिए आपका
ग्लोबल हैंडवॉशिंग दिवस
आशा है आप की ऑनलाइन यात्रा मंगलमय हो।