C2 cycle in hindi

Photorespiration हिन्दी में।प्रकाश श्वसन क्यों होता है?C2 साइकिल क्या हिन्दी में?

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प्रकाश श्वसन-Photorespiration

 

प्रकाशीय श्वसन को फोटोरिस्पाइरेशन या C2 साइकिल या फोटोसिन्थेटिक कार्बन आक्सीडेटिव साइकिल भी कहा जाता है। प्रकाश श्वसन (Photorespiration or C2 cycle) की खोज 1959 में डीकर और टीओ (Discovered by Tio & Dicker Biologist) जैव वैज्ञानिको ने की थी।

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फोटोरिस्पाइरेशन की पूरी प्रक्रिया सेल के तीन कोशिकांग (three cell organelles) में पूरी होती है। इनके नाम इस प्रकार है. क्लोरोप्लास्ट, माइटोकांड्रिया और परआक्सीसोम (chloroplast, mitochondria & peroxisomes)

इस प्रक्रिया पहला इण्टरमीडिएट कार्बनिक रसायन फास्फोग्लाइकोलेट होता है, जिसमे 2 कार्बन मौजूद होते हैंए इसलिए इसे C2 साइकिल भी कहा जाता है।

फाटोरिस्पाईरेशन की प्रोसेस C2 पौधों मे पाई जाती है, जब प्रकाश संश्लेषण के दौरान जो आक्सीजन निकलती है, उसमे से कभी-कभी कुछ आक्सीजन रुबिस्को एन्जाएम (RuBisCO) के साथ रिएक्ट करती है।

जिससे RuBP, दो मालीक्यूल फास्फोग्लिस्रेट (Phosphoglycerate) के ना बनाकर एक मालीक्यूल फास्फोग्लिसरेट (3-phosphoglycerate) और एक मालीक्यूल फास्फोग्लाइकोलेट (phosphoglycolate) के बना लेता है।

इसलिए C2 गैस का फिक्सेशन नहीं होता और कार्बनिक कंपाउड जैसे ग्लूकोज का निर्माण भी नहीं होता है।

प्रकाश श्वस का कारण क्या है?-Reason of photorespiration

 

हम जानते है कि रुबिस्को एन्जाएम (RuBisCO- ribulose 1,5 bisphosphate carboxylase-oxygenase) का पूरा नाम रिबोलोज-1,5 बिस-फास्फेट कार्बोक्सीलेज-आक्सीजिनेस है।

इसमें दो एक्टिव साइट होते है, (two active sites, each for oxygenation & Carboxylation) कार्बोक्सीलेज वाला भाग कार्बोक्सीलेशन करता है, वही आक्सीजिनेस वाला भाग आक्सीजीनेशन करता है।

रुबिस्को एक ही समय में कार्बन डाईआक्साइड गैस से जुढेगा या आक्सीजन से जुढेगा,  यह इस बात पर निर्भर करता है, कि दोनो गैसो में से किसकी मात्रा (relative concentrations of CO2 and O2) ज्यादा है।

अगर क्लोरोप्लास्ट में आक्सीजन की मात्रा प्रकाश संश्लेषण के दौरान ज्यादा हो जाती है तो रुबिस्को (RuBisCO bind with oxygen) आक्सीजन से जुढ जाता है।

इस तरह RuBP बजाय दो मालीक्यूल PGA बनाने के एक मालीक्यूल PGA बनाता है और एक

मालीक्यूल फास्फोग्लाइकोलेट (phosphoglycolate) बना लेता है।

इसके अलावा यह इस बात पर भी निर्भर करता है, कि वातावरण का तापमान भी ज्यादा (high environmental temperature) इसलिए अधिक टेम्परेचर पर RuBisCO आक्सीजिनेस एक्टिविटी करता है।

 

C2 साइकिल की प्रक्रिया-Process of Ccycle

 

PCO cycle in hindi

 

1-प्रकाश श्वसन की प्रक्रिया में तीन सेल आर्गेनल भाग लेते है-

  • पहला क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast)
  • दूसरा माइटोकान्ड्रिया (Mitochondria)
  • तीसरा परआक्सीसोम (Peroxisome)

2-जब रुबिस्को (RuBisCO) आक्सीजिनेशन करता है, तो एक मालीक्यूल PGA और एक मालीक्यूल फास्फोग्लाइकोलेट का बनता है।

3-PGA-Phosphoglycerate कैल्विन साइकिल में इस्तेमाल हो जाता है।

4-जब कि फास्फोग्लाइकोलेट डीफास्फोराइलेट होकर ग्लाइकोलेट (dephosphorylated into glycolate) में बदल जाता है।

5-ग्लाइकोलेट मीसोफिल (Mesophyll cell in leaves) में मौजूद पर आक्सीडाइज्ड (oxidized into glyoxylate) होकर ग्लाइआक्सीलेट में बदल जाता है।

6-ग्लाइआक्सीलेट का फिर एमीनेशन (addition of NH2-Amino group) होता है, ग्लाइसीन एमिनो एसिड बनता है।

7-ग्लाइसीन (Glycine amino acid) अब माइटोकान्ड्रिया में प्रवेश करता है, जहां पर ग्लाइसीन के दो मालीक्यूल कंडेस करके सीरीन (serine amino acid) नामक दूसरा एमिनो एसिड बनाते है।

इस रिएक्शन में अमोनिया और कार्बन डाईआक्साइड निकलते (release of ammonia and carbon dioxide gases) है।

8-सीरीन परआक्सीसोम में प्रवेश करता है और इसका डिएमीनेशन होकर ग्लिस्रेट (serine delaminated into glycerate) बन जाता है।

9-ग्लिसरेट फिर क्लोरोप्लास्ट में चला जाता है, और इसका इस्तेमाल फोटोसिन्थेटिक प्रोडक्ट्स बनाने में होता है।

10-पूरी प्रकाश श्वसन की प्रक्रिया में दो मालीक्यूल्स फास्फोग्लाईकोलेट के आक्सीजिनेशन से बनते है।

और यह दोना मालीक्यूल आगे चलकर एक मालीक्यूल फास्फोग्लिस्रेट और एक मालीक्यूल CO2 के बनाते है।

 

प्रकाश श्वसन को प्रभावित करने वाले फैक्टर-Factors affecting on Photorespiration

 

1.प्रकाश श्वसन तापमान (increase with temperature) बढने के साथ बढता है।

2.यह प्रकाश की तीव्रता (high intensity of light) के बढने के साथ बढेगा।

3.इसी तरह आक्सीजन बढने (increase with oxygen) के साथ यह भी बढता है।

4.पत्तियों के पुराने (old leaves) होने पर भी प्रकाश श्वसन की प्रक्रिया बढेगी।

5.हालाकिं C4प्लाटं मे प्रकाश श्वसन की प्रक्रिया नहीं पाई जाती है, क्योकिं यह C2 साइकिल द्वारा प्रकाश श्वसन से बचते है।

 

अधिक जानकारी के लिए पोस्ट C4 साइकिल पढ़ सकते है।

 

प्रकाश श्वसन का महत्व-Significance of Photorespiration

 

1.इसमे किसी भी तरह का ATP NADH नहीं बनता है।

2.इसमे ATP इस्तेमाल होते है, और CO2   निकल जाती है, अतः यह वेस्टफुल प्रक्रिया है।

3.इसमे 25 % फिक्स CO2 गैस की हानि होती है।

4.यह केवल C3 पौधों मे पाई जाती है।

5.हालाकिं कजाकि और तकेबा (Kozaki & Takeba 1996) के अनुसार यह प्रक्रिया C2 पौधों को

फाटोआक्सीडेटिव डैमेज (prevent from photo-oxidative damage) से बचाती है।

 

कुछ प्रश्न-FAQ

 

1-C2 साइकिल क्या होती है?

प्रकाश श्वसन को ही C2 साइकिल भी कहते है। क्योकिं इसमे 2 कार्बन वाला फास्फोग्लाइकोलेट बनता है।

2-C2 साइकिल किस तरह के पौधों मे होती है?

सारे C3 पौधों में प्रकाश श्वसन की प्रोसेस पाई जाती है।

3-क्या C4   पौधों में प्रकाश श्वसन की प्रक्रिया पाई जाती है?

नहीं, C4 पौधों में यह नहीं पाई जाती है।

4-C2 साइकिल में ग्लूकोज बनता है?

C2 साइकिल में CO2 कि हानि होती है और । ATP खर्च होता है, लेकिन कोई ग्लूकोज (ATP consume and no glucose formed) नहीं बनता है।

5-C2 साइकिल कहां होती है?

C2 साइकिल क्लारोप्लास्ट, माइटोकान्ड्रि्या और पर आक्सीसोम में होती है।

6-प्रकाश श्वसन की खोज किसने की?

प्रकाश श्वसन की खोज Dicker और Tio ने की।

 

अंत में-Conclusion

 

हमनें  प्रकाश श्वसन (C2 cycle or photorespiration) से सम्बंधित सभी पॉइंट को कवर करने का प्रयास किया है, और अंत में ज़रूरी सवालों को भी साझा किया है।

लेकिन फिर भी किसी भी प्रकार का कोई सुझाव या अपडेट और यदि कोई मिस्टेक आपको दिखाई देती है तो आप हमें ज़रूर बताएं।

हम आपके सुझाव को या किसी मिस्टेक, जोकि पोस्ट में यदि कहीं पर हुई है, तो उसे अपडेट करने की पूरी कोशिश करेंगे।

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।

आप की ऑनलाइन यात्रा मंगलमय हो।।

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